प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात दक्षिण अफ्रीका में चल रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन हुई है। यहां दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई है। अब मिल रही ताजा जानकारी के मुताबिक दोनों नेता लद्दाख के पास स्थित एलएसी या दोनों देशों की सीमा पर जल्द तनाव घटाने पर सहमत हो गए हैं। इसके लिए दोनों तरफ से प्रयास किए जाएंगे।
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक दोनों नेता इस क्षेत्र से सैनिकों की शीघ्र वापसी के लिए अपने देशों के अधिकारियों को निर्देश देने पर सहमत हुए हैं। भारत और चीन की इस सीमा रेखा पर जून 2020 में हिंसक झड़प के बाद से तनाव काफी अधिक है।
एलएसी का सम्मान करना आवश्यक है
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने गुरुवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में संवाददाताओं से कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री ने एलएसी और भारत-चीन सीमा के अन्य क्षेत्रों में अनसुलझे मुद्दों पर भारत की चिंताओं पर प्रकाश डाला।यह ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बातचीत थी।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि इस मुलाकात में पीएम मोदी ने रेखांकित किया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखना और एलएसी का सम्मान करना भारत-चीन संबंधों को सामान्य बनाने के लिए आवश्यक है।
दोनों नेता अपने अधिकारियों को देंगे निर्देश
उन्होंने कहा कि इस संबंध में, दोनों नेता अपने संबंधित अधिकारियों को सैनिकों की शीघ्र वापसी और तनाव कम करने के प्रयासों को तेज करने का निर्देश देने पर सहमत हुए।
एनडीटीवी की रिपोर्ट कहती है कि इससे पहले भारत-चीन के कोर कमांडर-स्तर की बैठक का 19वां दौर 13-14 अगस्त को भारतीय सीमा पर चुशुल-मोल्डो सीमा बैठक बिंदु पर आयोजित किया गया था। विदेश मंत्रालय ने कहा था कि दोनों पक्षों के बीच पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी पर शेष मुद्दों के समाधान पर सकारात्मक, रचनात्मक और गहन चर्चा हुई।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल हुए ये नेता
तीन दिवसीय ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन में इसके सदस्य देशों के नेता शामिल हुए हैं।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता दक्षिण अफ़्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने की है। इस सम्मेलन में ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा भी शामिल हुए हैं। वहीं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इसमें शामिल हुए। शिखर सम्मेलन के अंत में जारी एक घोषणा में कहा गया है कि इस ग्रुप के नेताओं ने व्यापक समझौते को शीघ्र अंतिम रूप देने और अपनाने का आह्वान किया है।
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