loader

बर्बरता का विरोध किया तो परिणीति को हरियाणा ने ब्रांड एंबेसेडर से हटाया

नागरिकता क़ानून के विरोध और प्रदर्शन करने वाले छात्रों के समर्थन का 'सावधान इंडिया' के होस्ट रहे सुशांत सिंह के बाद अब परिणीति चोपड़ा को भी नुक़सान उठाना पड़ा है। रिपोर्टों में कहा गया है कि परिणीति चोपड़ा को हरियाणा की मनोहरलाल खट्टर सरकार ने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' मुहिम के ब्रांड एंबेसेडर पद से हटा दिया है। उन्होंने जामिया मिल्लिया इसलामिया और अलीगढ़ मुलसिम विश्वविद्यालय के छात्रों के ख़िलाफ़ पुलिस कार्रवाई की आलोचना की थी। इस मामले में 'दैनिक जागरण' ने प्रोजेक्ट डायरेक्टर योगेंद्र मलिक का बयान छापा है। इसमें मलिक ने यह तो कहा कि परिणीति अब प्रोजेक्ट का हिस्सा नहीं हैं, लेकिन यह नहीं कहा है कि उन्हें कब हटाया गया। 

हालाँकि, इस पर विवाद बढ़ने के बाद हरियाणा सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रवक्ता ने कहा है कि 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' की ब्रांड एंबेसेडर के रूप में परिणीति चोपड़ा को हटाए की ख़बर (#CAA के ख़िलाफ़ ट्वीट करने के लिए) ग़लत, आधारहीन और दुर्भावनापूर्ण है। उन्होंने कहा है कि एमओयू (समझौता) 1 साल के लिए अप्रैल, 2017 तक था, इसके बाद एमओयू का नवीनीकरण नहीं किया गया।

ताज़ा ख़बरें

इससे पहले 'सावधान इंडिया' के होस्ट सुशांत सिंह के बारे में भी ऐसी ही ख़बर आई थी। सुशांत सिंह नागरिकता क़ानून का विरोध कर रहे हैं। वह मुंबई में प्रदर्शन में शामिल भी हुए थे। जिस दिन प्रदर्शन में वह शामिल हुए उसी दिन सुशांत को शो से निकाले जाने की ख़बर आई थी। वह 2011 से इस शो का हिस्सा रहे थे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी साफ़ कर दिया कि खुलकर बोलने के लिए यह 'छोटी क़ीमत' थी। 

सुशांत सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा था, '...मेरा बड़ा सामान्य सा सिद्धांत है- मैं अपना टैलेंट बेचता हूँ अपना ईमान नहीं। जब मेरे बच्चे बड़े होंगे और मुझसे पूछेंगे कि जब छात्रों को प्रताड़ित किया जा रहा था तब आप कहाँ थे तब मेरे पास उसका उत्तर होना चाहिए।'

इसी बीच अब परिणीति चोपड़ा का यह मामला आया है। हालाँकि 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' से हटाए जाने की जानकारी उन्होंने नहीं दी है। कांग्रेस नेता कुमारी सेलजा ने स्थानीय अख़बार में छपी एक ख़बर को ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने लिखा है कि बीजेपी सरकार सत्ता के घमंड में इस तरह चूर है कि वह सच सुनने को तैयार नहीं है। 

परिणीति चोपड़ा ने 17 दिसंबर को ट्वीट किया था, ‘अगर हर बार एक नागरिक अपने विचार व्यक्त करता है और ऐसा होता है तो #CAB को भूल जाएँ, हमें एक बिल पास करना चाहिए और अपने देश को लोकतंत्र नहीं कहना चाहिए! अपने मन की बात कहने के लिए निर्दोष लोगों की पिटाई? बर्बर।’

बता दें कि नागरिकता क़ानून के तहत 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बाँग्लादेश से भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को अवैध नहीं माना जाएगा। उन्हें इस देश की नागरिकता दी जाएगी। हालाँकि, इस क़ानून में मुसलिमों के लिए यह प्रावधान नहीं है। इसी को लेकर विरोध हो रहा है।
जब से नागरिकता क़ानून का मुद्दा उठा है तब से ये आरोप लगाए जा रहे हैं कि बॉलीवुड इस मामले में चुप है। सोशल मीडिया पर सवाल उठाए जा रहे हैं कि बॉलीवुड अभिनेता इस मुद्दे पर चुप्पी क्यों साधे हैं और क्या उन्हें किसी से डर लगता है?

इस बीच कुछ गिने-चुने अभिनेताओं ने बोलना शुरू किया है। 

इस बीच एक ऐसा ही मामला सौरव गांगुली का भी आया जब उनकी बेटी सना ने इंस्टाग्राम पर निशाना साधा तो गांगुली बचाव में आ गए।  

दरअसल, 18 वर्षीय सना ने खुशवंत सिंह की किताब 'The End of India' का उद्धरण देते हुए नागरिकता क़ानून के विरोध में इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया था। लेकिन बाद में इसे हटा लिया गया। सना ने इस ट्वीट में लिखा, 'हर फ़ासीवादी शासन को ऐसे समुदायों और समूहों की ज़रूरत होती है, जो ख़ुद को पनपने के लिए उनको डिमोनाइज (दानवीकरण) कर सके। इसकी शुरुआत एक समूह या दो से होती है। लेकिन यह कभी ख़त्म नहीं होता है। घृणा के दम पर तैयार किया गया एक आंदोलन केवल भय और संघर्ष पैदा करके ख़ुद को लगातार बनाए रख सकता है। आज हममें से जो लोग सुरक्षित महसूस करते हैं क्योंकि हम मुसलमान या ईसाई नहीं हैं, वे दरअसल मूर्खों के स्वर्ग में रह रहे हैं।...'

इस पोस्ट के बाद सौरव ने ट्विटर पर दावा किया कि यह पोस्ट सच नहीं है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘कृपया सना को इन सभी मुद्दों से दूर रखें... यह पोस्ट सच नहीं है... वह इतनी छोटी है कि राजनीति के बारे में कुछ भी नहीं जानती।’

सना के इंस्टाग्राम पोस्ट को 'सच नहीं' बताने वाले गांगुली के इन दावों की पड़ताल फ़ैक्ट चेक करने के लिए जाने जानी वाली वेबसाइट 'ऑल्ट न्यूज़' ने की है। वेबसाइट ने सना के पोस्ट को ट्वीट करने वालों से बातचीत की और पड़ताल के आधार पर इसने गांगुली के 'सच नहीं' वाले बयान को ग़लत बताया है और कहा है कि सना ने जो इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर किया था वह बिल्कुल सही है।
देश से और ख़बरें
सरकारों के ख़िलाफ़ बोलने के कारण कई बार कलाकारों को अपनी नौकरी गँवानी पड़ी है। ऐसा ही मामला नवजोत सिंह सिद्धू और कॉमेडियन श्याम रंगीला का भी आया था। तब सिद्धू पाकिस्तान की यात्रा पर गए थे, वहाँ के आर्मी प्रमुख जनरल बाजवान के गले मिले थे और कुछ टिप्पणी की थी। इस विवाद के बाद उनको कपिल शर्मा के शो से निकाल दिया गया था। श्याम रंगीला ने एक बार इंटरव्यू में कहा था कि उनको कॉमेडी शो में पहले प्रधानमंत्री मोदी की मिमिक्री करने से मना किया गया और बाद में राहुल गाँधी की मिमिक्री से भी मना कर दिया गया।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें