अफ़ग़ानिस्तान के ख़ुरासान में बैठा शख़्स आका बना हुआ है। उसे साथ मिला है पाकिस्तान की ख़ुफिया एजेंसी आईएसआई का, नाम और समर्थन मिला है आईएसआईएस का। देश में इंडियन मुजाहिदीन की तरह ख़तरनाक आतंकी संगठनों की जड़ें जमाने का काम देश में हो रहा है। इस काम के लिए 'रेडिकलाइजेशन' का सहारा लिया जा रहा है।
इंडियन मुजाहिदीन के समूल ख़ात्मे से सीखने के बाद आईएसआई ने इस बार 'होमलैंड-टेररिजम' के लिए इंटरनेट के साथ-साथ आसानी से उपलब्ध सामानों को आतंक फैलाने का ज़रिया बनाने का फै़सला किया है। देश की जांच एजेंसियाँ इस नतीजे पर पहुंची हैं कि नाम से लेकर बम तक का सामान स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हो जाए, इस बात का ख़ास ख़्याल रखा जा रहा है।