क्या अहमद पटेल के ये आरोप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इतने चुभ गए कि शाम होते-होते उन्होंने कांग्रेस मुख्यालय में काम करने वाले एक अदने से कर्मचारी के घर आयकर विभाग का छापा डलवा दिया? यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि जिस कर्मचारी के घर छापा पड़ा है, वह कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल से जुड़े हुए हैं।
छापे की कार्रवाई बहुत ही ख़ुफ़िया तरीके़ से हुई। यहाँ तक कि स्थानीय पुलिस को भी इसकी जानकारी नहीं दी गई। बता दें कि पार्टी के पैसों का हिसाब-किताब रखने में कोषाध्यक्ष की अहम भूमिका होती है।
आयकर विभाग ने सोमवार शाम छह बजे के आसपास पूर्वी दिल्ली के गीता कॉलोनी इलाक़े के ताज़ एनक्लेव में रहने वाले अहमद पटेल के क़रीबी एस. मोईन ख़ान के घर पर छापा मारा। बताया जा रहा है कि आयकर विभाग को सूचना मिली थी कि ख़ान ने कांग्रेस नेताओं के 20 से 30 करोड़ रुपये घर में छुपाए हुए हैं और इन पैसों का चुनाव में इस्तेमाल होना है।
यह भी जानकारी सामने आ रही है कि आयकर विभाग ने ख़ान के घर से कई दस्तावेज बरामद किए हैं लेकिन नग़दी को लेकर तसवीर साफ़ नहीं हो पाई है। छापे की यह कार्रवाई कई घंटे चली और आयकर विभाग के अधिकारी सोमवार देर रात तक जाँच-पड़ताल में लगे रहे।
छापे की ख़बर लीक होने के बाद पूरे इलाक़े में हड़कंप मच गया। कांग्रेस के बड़े नेताओं को इस बात की ख़बर मिली तो पार्टी सकते में आ गई। आनन-फ़ानन में रात क़रीब दस बजे अहमद पटेल ख़ुद ख़ान के घर पहुँच गए। लेकिन उन्होंने पत्रकारों से इस बारे में कोई बात नहीं की।
पत्रकारों को स्थानीय लोगों ने पीटा
दरअसल, ताज़ एनक्लेव इस इलाके़ की एक पॉश कॉलोनी है। यहाँ केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और एमसीडी में काम करने वाले ज़्यादातर मुसलिम अधिकारी रहते हैं। अचानक हुई इस कार्रवाई से लोगों में ख़ासी नाराज़गी देखी गई। बताया जा रहा है कि इस ख़बर को कवर करने के लिए पहुँचे कई मीडियाकर्मियों को वहाँ के स्थानीय लोगों ने जमकर पीटा, इसमें एक महिला पत्रकार भी शामिल है।
स्थानीय लोगों ने कैमरे तोड़ने की कोशिश की और इसे धार्मिक रंग देने का भी प्रयास किया गया। सूचना पर पहुँची पुलिस ने जैसे-तैसे मीडियाकर्मियों को बचाया। इलाक़े में अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है।
मुसलिम विरोधी माहौल बनाने की कोशिश!
अहमद पटेल से जुड़े कांग्रेस के कर्मचारी के घर पर आयकर विभाग का छापा पड़ना कहीं न कहीं इस बात का संकेत है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव में अहमद पटेल के नाम पर मुसलिम विरोधी माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसा इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि पिछले हफ़्ते ही प्रधानमंत्री ने एक चुनावी रैली में मंच से अहमद पटेल का नाम लेकर उन पर हमला बोला था। तब पटेल ने मोदी पर ‘गटर पॉलिटिक्स’ करने का आरोप लगाया था। यह जंग अहमद पटेल टि्वटर के जरिए लड़ रहे थे। इसी तरह बीजेपी का घोषणा पत्र जारी होने के बाद अहमद पटेल खुलकर सामने आए और उन्होंने कांग्रेस के मंच से मोदी पर जोरदार हमला बोला।आमतौर पर अहमद पटेल पार्टी की प्रेस कॉन्फ़्रेंस में शामिल नहीं होते हैं। सोमवार को बीजेपी के संकल्प पत्र पर प्रतिक्रिया देने के लिए बुलाई गई कांग्रेस की विशेष प्रेस कॉन्फ़्रेंस में भी पटेल के शामिल होने की सूचना नहीं दी गई थी। बताया जाता है कि आख़िरी वक़्त पर पटेल ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में शामिल होने का फ़ैसला किया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पटेल ने मोदी पर जमकर बयानों के गोले छोड़े। पटेल ने एक हाथ में बीजेपी का ‘संकल्प पत्र’ लिया और दूसरे हाथ में कांग्रेस का ‘जन घोषणा पत्र’। दोनों को एक साथ दिखाते हुए वह बोले, ‘अगर आप इन दोनों को एक साथ जनता के सामने रखेंगे तो आप पाएँगे कि कांग्रेस के घोषणापत्र में जहाँ जनता है वहीं, बीजेपी के घोषणापत्र में सिर्फ़ ‘मैं’ ही ‘मैं’ हूं और मेरा अहंकार है। पटेल आगे बोले, ‘न इनको देश से मतलब है, न अपनी पार्टी से और ही अपनी पार्टी के नेताओं से कोई वास्ता है। इनका घोषणा पत्र झूठ का गुब्बारा है। इससे तो अच्छा होता कि वह माफ़ीनामा जारी करते।’
पटेल ने कहा, प्रधानमंत्री ने पिछले 5 साल में कोई काम तो किया नहीं है। कभी चाय वाला, कभी चौकीदार, कभी कामदार बता कर देश और देश की जनता को बेवकूफ़ बनाते रहे हैं लेकिन अब जनता जान चुकी है कि ये लोग घोषणा पत्र में किए वादे को कभी नहीं निभाते हैं।
हमले की धार तेज़ करते हुए पटेल ने आगे कहा कि आप कुछ लोगों को कुछ दिन के लिए बेवकूफ़ बना सकते हैं, कुछ लोगों को हमेशा के लिए बेवकूफ़ बना सकते हैं लेकिन सब लोगों को हमेशा के लिए बेवकूफ़ नहीं बना सकते। वरिष्ठ नेता ने कहा, अब बहुत हो गया और जनता अच्छी तरह जान चुकी है। इसीलिए कांग्रेस ने कहा है कि 'अब होगा न्याय।'
तीख़े थे पटेल के तेवर
आमतौर पर अहमद पटेल इस तरह सपने में बात नहीं करते लेकिन सोमवार को मोदी पर हमला हमला बोलते वक़्त उनका लहजा ख़ासा सख़्त था और उनके तेवर तीख़े थे। बीजेपी के घोषणापत्र को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के क़रीब 40 मिनट के भाषण पर अहमद पटेल ने काफ़ी तीख़े हमले किए और उनसे जुड़े कर्मचारी के घर आयकर का छापा पड़ने को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।
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