प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को बिहार के गया में चुनावी रैली में संविधान की दुहाई दी। मोदी ने कहा हमारा संविधान पवित्र है। संविधान बनाने वालों ने समृद्ध भारत का सपना देखा था। मोदी ने कहा कि इस चुनाव में उन लोगों को सजा मिलेगी, जो संविधान के विरोध में हैं। यानी मोदी ने विपक्ष को ही उल्टी टोपी पहना दी कि विपक्ष संविधान का विरोधी है। यह पहला मौका नहीं है जब मोदी ने संविधान की दुहाई दी है। वो कई दिनों से संविधान की दुहाई दे रहे हैं। लेकिन गया में उन्होंने चौथी बार संविधान की दुहाई दी। लेकिन दूसरी तरफ भाजपा सांसद आए दिन संविधान बदलने का बयान दे रहे हैं। इसकी एक लंबी सूची है। लेकिन जिस तरह से मोदी अब बचाव की मुद्रा में आ गए हैं, उसी से साफ तस्वीर उभर रही है कि इस देश के दलित, आदिवासी, पिछड़े (ओबीसी), अल्पसंख्यक संविधान बदलने की बात को पसंद नहीं कर रहे हैं और इसीलिए मोदी को सफाई देना पड़ रही है।