केंद्रीय गृह मंत्रालय ऐसे वालंटियर्स यानी स्वयंसेवकों की तैनाती करने जा रहा है जो ‘एंटी नेशनल’ कामों के बारे में सरकार को जानकारी देंगे। इसके लिए गृह मंत्रालय की साइबर क्राइम सेल साइबर वालंटियर प्रोग्राम लेकर आई है।
इन वालंटियर्स का काम ग़लत और ग़ैर क़ानूनी कामों की पहचान करना और सरकार को इस बारे में बताना होगा। इन कामों में ‘एंटी नेशनल’ गतिविधियों, चाइल्ड पोर्नोग्राफ़ी, आतंकवाद, कट्टरता से जुड़ी बातों को शामिल किया गया है। ‘एंटी नेशनल’ काम कौन से होंगे, इसे लेकर कुछ साफ नहीं कहा गया है।
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, जम्मू-कश्मीर और त्रिपुरा में इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चलाया जाएगा और इससे मिले फ़ीडबैक के बाद इसे आगे बढ़ाया जाएगा।
कोई भी करा सकता है रजिस्टर
गृह मंत्रालय का इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर इस काम के लिए नोडल सेंटर होगा। जो भी लोग वालंटियर्स बनना चाहते हैं, वे ख़ुद को इसके लिए अपने राज्यों में रजिस्टर करा सकते हैं। वालंटियर बनने की इच्छा रखने वालों को सरकार को अपना नाम, पिता का नाम, मोबाइल नंबर, ई-मेल एड्रेस देना होगा। राज्य सरकारें साइबर वालंटियर प्रोग्राम के तहत रजिस्टर कराने वाले वालंटियर्स का सत्यापन करेंगी।
अभी तक सरकार के पास कोई ऐसी व्यवस्था नहीं है जिससे वह क़ानूनी रूप से इस बात को कह सके कि ‘एंटी नेशनल’ कटेंट क्या है, कौन सा शख़्स या कौन सा काम ‘एंटी नेशनल’ है। कई लोगों पर ‘एंटी नेशनल’ काम करने के आरोपों के चलते यूएपीए लगाया जा चुका है और उन्हें जेलों में भी डाला गया है।
‘एंटी नेशनल’ को लेकर बहस
देश में बीते कुछ सालों से राष्ट्र विरोधी या ‘एंटी नेशनल’ कौन है, कौन से कामों को ‘एंटी नेशनल’ कहा जाएगा, इसे लेकर बहस चल रही है। मोदी सरकार के कुछ मंत्री और बीजेपी के भी कुछ नेता सरकार के ख़िलाफ़ उठने वाली हर आवाज़ को ‘एंटी नेशनल’ बताते हैं। इसे सीएए के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शनों और दिल्ली के बॉर्डर्स पर चल रहे किसानों के आंदोलनों को लेकर आ रहे इनके बयानों से समझा जा सकता है।
हिदायतें भी
गृह मंत्रालय की वेबसाइट पर जाकर कोई भी ख़ुद को साइबर क्राइम वालंटियर के रूप में रजिस्टर करा सकता है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि रजिस्टर कराने वाला कोई भी शख़्स इसे किसी तरह के कॉर्मशियल फ़ायदे के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकता और न ही वह इसके बारे में सार्वजनिक रूप से कोई बयान जारी कर सकता है।
इसके अलावा वालंटियर्स को इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि वे कोई ऐसा दावा न करें कि वे गृह मंत्रालय की किसी संस्था से जुड़े हैं और मंत्रालय के नाम का भी इस्तेमाल न करें।
गृह मंत्रालय की इस योजना पर सवाल यही खड़ा होगा कि कैसे कोई वालंटियर किसी कंटेंट या किसी काम को ‘एंटी नेशनल’ ठहरा कर उसके बारे में सरकार को बताएगा, कोई वांलटियर कैसे यह तय करेगा कि किसी शख़्स का कोई काम ‘एंटी नेशनल’ है।
दुरुपयोग होगा
निश्चित रूप से इसका दुरुपयोग होगा ही। क्योंकि कोई भी शख़्स अपने राजनीतिक विरोधी के किसी काम को लेकर सरकार को रिपोर्ट देगा कि अमुक शख़्स का वह काम ‘एंटी नेशनल’ है। फिर सरकार ऐसे लोगों पर कार्रवाई करेगी और देश भर में ‘एंटी नेशनल’ कौन है, इसे लेकर चल रही बहस और तेज़ हो जाएगी।
वालंटियर्स पर कार्रवाई भी होगी
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, गृह मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि वालंटियर को किसी भी टास्क को करते वक़्त इसकी गोपनीयता बनाए रखनी होगी। यानी जो वह करने जा रहा है, उस बारे में किसी दूसरे शख़्स को पता नहीं चलना चाहिए। मुश्किल ये है कि अगर कोई वालंटियर इस साइबर वालंटियर प्रोग्राम के नियमों का उल्लंघन करता है तो राज्यों के नोडल अफ़सरों के पास उसके ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई करने का अधिकार भी होगा।
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