इसलामिक संस्था जमीयत उलमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने बुधवार को देश के सभी नागरिकों से अपील की है कि कोरोना वायरस से खुद को सुरक्षित रखने के लिए सावधानी बरतें। मदनी ने कहा कि इस महामारी को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जो निर्देश जारी हुए हैं उनका न केवल खुद पालन करें बल्कि अन्य लोगों को भी इनका पालन करने को कहें।
मदनी ने कहा कि जनता कर्फ्यू वाले दिन देश के सभी नागरिकों ने जिस तरह सावधानी और एकता दिखाते हुए अपने कारोबारी संस्थान और कार्यालय बंद रखे, वह प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि वास्तव में कोरोना वायरस का मुक़ाबला इसी तरह एकजुट होकर किया जा सकता है और इसमें हर नागरिक को अपना योगदान देना चाहिये। मदनी ने कहा कि कोरोना वायरस ने जिस तरह पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है, इससे हर तरफ भय और आतंक का माहौल पैदा हो गया है और लोग अपने घरों में ही बंद रहने को विवश हैं।
मौलाना मदनी ने कहा कि इस वायरस का अब तक कोई इलाज नहीं खोजा जा सका है, ऐसे में सावधानी ही इसका सबसे बड़ा इलाज है और हमें चाहिए कि साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि हम दूसरों को भी साफ-सफाई के लिये जागरुक करें और डाॅक्टरों द्वारा समय-समय पर दी जाने वाली सलाह और निर्देश का भी पालन करें। उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी व्यक्ति में ख़ुदा न करे इस बीमारी का कोई संकेत पाया जाए तो उसे चाहिए कि वह डरे नहीं बल्कि किसी अस्पताल में जाए और दूसरों से न मिले। उन्होंने कहा कि डाॅक्टरों के कहे के मुताबिक़ बूढ़ों और बच्चों को बहुत सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
'साफ-सफाई का ध्यान रखें'
मदनी ने मुसलमानों से अपील की कि वे मसजिदों में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें और एहतियात और परहेज़ से काम लें। उन्होंने कहा कि इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए कि अगर किसी की सेहत इस बीमारी से प्रभावित है तो वह मसजिद के बजाय घर में ही नमाज़ अदा करे। मदनी ने कहा कि स्थिति को देखते हुए सावधानी और जागरूकता के साथ हमें अपनी जवाबदेही समझने की भी ज़रूरत है। अंत में मौलाना मदनी ने कहा कि इस बीमारी से पूरे देश में भय और डर की जो स्थिति पैदा हुई है और इस वजह से व्यापार और अन्य गतिविधियां भी लगभग बंद हो चुकी हैं, ऐसे में गरीब और वंचित वर्गों के लिये केंद्र और राज्य सरकारों को क़दम उठाने चाहिए।
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