loader
अरविन्द केजरीवाल

शाही काफ़िले के साथ ध्यान लगाने पहुंचे केजरीवाल, उठ रहे सवाल

अरविन्द केजरीवाल अब आम आदमी से खास आदमी के अवतार में बदल रहे हैं। बीस-पच्चीस गाड़ियों का काफ़िला, सौ से ऊपर पुलिस के कमांडो...। केजरीवाल का काफिला जब विपश्यना के लिए पंजाब के होशियारपुर में पहुंचा तो सबकी आंखें फटी रह गईं। 
अरविन्द केजरीवाल दस दिन के लिए पंजाब के होशियारपुर पहुंचे हैं। वहाँ वे विपश्यना ध्यान प्रक्रिया में भाग लेंगे। यहां बताना जरूरी है कि दिल्ली चुनाव में हारने के बाद केजरीवाल इस समय सरकार से जुड़े हुए किसी भी पद पर नहीं हैं। बताया जा रहा है कि अरविन्द केजरीवाल के साथ के कमांडो पंजाब पुलिस के थे। अधिकतर गाड़ियों में लाल-नीली बत्ती लगी हुई थी। जिससे लोगों ने अंदाज़ा लगाया कि ये पुलिस की गाड़ियां थीं।
ताजा ख़बरें
उनकी इस राजशाही पर सवाल उठने शुरू हो गये हैं। विरोधी पार्टियों के सदस्यों ने भी केजरीवाल पर जमकर हमला बोला है।
पंजाब कांग्रेस के सुखपाल खैरा ने विरोध करते हुए कहा है किमैं पंजाब सरकार के अमलों के दुरुपयोग का घोर विरोध करता  हूँ। वहीं भारतीय जनता पार्टी के शहज़ाद पूनावाला ने अरविन्द केजरीवाल के लंबे चौड़े काफिले की आलोचना करते हुए कहा कि यही है अरविन्द केजरीवाल का असली चेहरा। दिल्ली ने केजरीवाल को ‘न’  कह दिया। अब पंजाब भी उनके साथ यही करेगी।
हालांकि आम आदमी पार्टी ने इन आरोपों का विरोध किया है। कहा है कि ये सब फिजूल के बदनाम करने वाले कैंपेन हैं। अरविन्द केजरीवाल को गृह मंत्रालय की ओर से जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई है क्योंकि उन्हें जान की धमकी मिली थी।
पंजाब के होशियारपुर के एसएसपी संदीप कुमार मलिक ने इस सुरक्षा काफ़िले पर बयान दिया कि अरविन्द केजरीवाल को जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई थी, उन्हें उसी आधार पर सुरक्षा कवर मुहैया करवाया गया है। गौरतलब है कि यह पहली बार है जब अरविन्द केजरीवाल ने विधानसभा चुनावों में हार के बाद दिल्ली छोड़ा है। केजरीवाल का पंजाब पहुंचना सियासी सरगर्मियों को भी हवा दे रहा है। लोग अनुमान लगा रहे हैं कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक पंजाब से राज्यसभा में पहुंच सकते हैं।
अरविन्द केजरीवाल के इस तूफ़ानी काफिले पर सोशल मीडिया पर भी हंगामा मचा हुआ है। एक तीखा बयान आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाती मालिवाल की तरफ से आया। उन्होंने कहा कि “जिस पंजाब की जनता ने इतना प्यार दिया उससे इतना डर लगता है केजरीवाल जी को? सारी दुनिया को वीआईपी कल्चर पर टोकने वाले केजरीवाल जी आज ख़ुद डोनाल्ड से बड़ा सुरक्षा घेरा लेकर घूम रहे हैं।“
उन्होंने केजरीवाल पर आरोप लगाया कि उन्होंने पंजाब को अपने ऐशो आराम का साधन बना लिया है। “ग़ज़ब ही है… कैसे पंजाब जैसे महान सूबे को सबने अपने ऐश आराम के साधन निकालने का ज़रिया बना लिया है। भाजपा के अमित मालवीय ने अरविन्द केजरीवाल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल के काफिले में 24 गाड़ियाँ हैं। वह विधायक भी नहीं हैं। यह धमकी की वजह से सुरक्षा का मामला नहीं है, बल्कि अपने उन्मादी अहंकार को संतुष्ट करने के लिए राज्य के संसाधनों का दोहन करने का मामला है।"

इसी बीच दिल्ली पुलिस ने केंद्र से सवाल किया है कि क्या अरविन्द केजरीवाल की जेड प्लस सुरक्षा जारी रहनी चाहिए?


बहरहाल यह पहली बार नहीं है जब अरविन्द केजरीवाल के सुविधाभोगी स्वभाव पर सवाल उठाए गये हैं। उनके 45 करोड़ी शीशमहल को दिल्ली चुनाव में भाजपा द्वारा काफी उछाला गया। दरअसल अरविन्द केजरीवाल पर आरोप लगे थे कि उन्होंने मुख्य मंत्री आवास की मरम्मत में राजकीय खजाने से करोड़ों खर्च कर दी थे। इस आवास में परदों की कीमत ने खासा ध्यान बटोरा था। कहा गया था कि ये परदे पाँच करोड़ से ऊपर के हैं।
देश से और खबरें
आम आदमी पार्टी के नेता अरविन्द केजरीवाल का जिक्र करते हुए अक्सर उनकी पुरानी नीली वैगन आर  याद आ जाती है, जो किसी समय में आम आदमी की पहचान बन गई थी। केजरीवाल आम आदमियों के प्रतिनिधि हुआ करते थे। दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए भी केजरीवाल उस वैगन आर में घूमते रहे। समय बदला, अरविन्द केजरीवाल जी का तख्ता पलटा। बदल गई आम आदमी की पहचान भी। चप्पलों और पुरानी वैगन आर में घूमने वाले केजरीवाल इन दिनों बीस-पच्चीस गाड़ियों के काफिले में घूमते हैं।
यह सवाल छूट जाता है जहन में, क्या केजरीवाल आम आदमी का होने का बस नाटक कर रहे थे? क्या वे उतने ही सुविधा भोगी हैं जिसका वे अमूमन विरोध करते आए हैं?  
(रिपोर्टः अणु शक्ति  सिंह, संपादनः यूसुफ किरमानी)
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें