केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल को लोकसभा में पेश कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस बिल को लोकसभा में रखा। कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने नियमों की धज्जियाँ उड़ा दीं हैं और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों को घर में क़ैद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी कहती है कि कश्मीर भारत का आंतरिक मसला है लेकिन 1948 से संयुक्त राष्ट्र इस मामले की मॉनिटरिंग कर रहा है। इस पर अमित शाह ने कहा कि 1948 में कश्मीर मामले को संयुक्त राष्ट्र में भेजा गया था। शाह ने कहा कि जब वह जम्मू-कश्मीर की बात कर रहे हैं तो इसमें पीओके और अक्साई चीन भी शामिल है। अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और इसके लिए हम जान भी देने के लिए तैयार हैं। गृह मंत्री ने कहा कि कश्मीर पर फ़ैसला करने के लिए संसद ही सर्वोच्च स्थान है। उन्होंने कहा कि कश्मीर के मुद्दे पर वह विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार हैं।
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पर लोकसभा में हंगामा
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- सत्य ब्यूरो
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- 6 Aug, 2019
केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल को लोकसभा में पेश कर दिया है। सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में पुनर्गठन बिल को पेश किया था जहाँ से यह पास हो गया था।

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने जम्मू-कश्मीर को बाँटना संवैधानिक त्रासदी है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर का विलय और इसकी रक्षा नेहरू सरकार ने की थी और साथ ही हैदराबाद का भी भारत में विलय नेहरू सरकार ने कराया था। तिवारी ने कहा कि बिना राज्य की विधानसभा की मंजूरी के अनुच्छेद 370 नहीं हटना चाहिए। लोकसभा में बहस के दौरान ही एनडीए में सरकार की सहयोगी जनता दल यूनाइटेड ने सदन से वॉक आउट कर दिया। जेडीयू ने कहा कि उनकी पार्टी अनुच्छेद 370 को हटाने का समर्थन नहीं करती है।