मेघालय हाई कोर्ट के जस्टिस सुदीप रंजन सेन ने अपने एक विवादास्पद फ़ैसले में कहा है कि विभाजन के समय ही भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाना था। वे नागरिकता विवाद के एक मामले में अमोन राना की याचिका की सुनवाई कर रहे थे। इस याचिका में मूल निवासी होने का प्रमाण पत्र यानी डोमिसाइल सर्टिफ़िकेट की माँग की गई थी।उन्होंने अपने निर्णय में लिखा, ‘पाकिस्तान ने अपने-आपको इस्लामी राष्ट्र घोषित कर दिया। देश का बँटवारा ही धर्म के आधार पर हुआ था, लिहाज़ा भारत को भी हिन्दू राष्ट्र घोषित कर दिया जाना चाहिए था। पर यह धर्मनिरपेक्ष देश बना रहा।’ आरएसएस प्रचार का उद्धरणवे यहीं नहीं रुकते हैं। उन्होंने मेघालय के राज्यपाल और राष्टीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रह चुके तथागत राय की किताब का उद्धरण भी दिया। जस्टिस सेन ने मूल विवाद को निबटाते हुए भारत के इतिहास भूगोल और विभाजन के दौर का ज़िक्र किया। उन्होंने वही कहा जो राजनीति का दक्षिणपंथी धड़ा अमूमन जन-समर्थन जुटाने के लिए कहता है । निश्चय ही यह एक अनावश्यक विवाद को विस्तार देगा । ठीक ऐसे समय में जब देश आम चुनाव के लिए बहसतलब है, इस तरह का मसाला पहले से धार्मिक आधार पर लगातार बँटते समाज को और बाँटने का ही काम करेगा।