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भारत ने चीन के उस दावे को ख़ारिज कर दिया है जिसमें उसने दावा किया था कि भारतीय सैनिक एलएसी के पार गए थे और 'वार्निंग शॉट फ़ायरिंग' की थी। इसके साथ ही भारत ने यह आरोप लगाया है कि ये चीनी सैनिक हैं जिन्होंने सीमा पर हवाई फ़ायरिंग की है। पहले चीन ने दावा किया था कि भारतीय सैनिकों ने सोमवार को लद्दाख में पैंगोंग त्सो झील के पास फ़ायरिंग की। हालाँकि उन्होंने दावा किया है कि यह फ़ायरिंग 'वार्निंग शॉट' थी, लेकिन इसके बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी थी कि इस वार्निंग शॉट से उनका क्या मतलब है। सामान्य तौर पर सेना के संदर्भ में वार्निंग शॉट का मतलब होता है कि जानबूझकर बिना नुक़सान पहुँचाए फ़ायरिंग करना, जिसका सीधा अर्थ है- टकराव के लिए संकेत देना। भारतीय सेना द्वारा पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी किनारे की एक अहम चोटी पर कब्जा किए जाने के बाद यह क्षेत्र काफ़ी संवेदनशील हो गया है। इस क्षेत्र में दोनों देशों की सेनाएँ आमने-सामने हैं।
भारत की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भारतीय सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी के पार नहीं गए और वे अपनी सीमा में थे। बयान में यह भी कहा गया है, '7 सितंबर 2020 को ताज़ा मामले में ये पीएलए सैनिक थे जो एलएसी पर हमारे आगे की पोस्ट की तरफ़ बढ़ने का प्रयास कर रहे थे और जब हमारे सैनिकों द्वारा उनको हतोत्साहित कर दिया गया तो पीएलए के सैनिकों ने हवा में कुछ राउंड फ़ायर कर हमारे सैनिकों को डराने का प्रयास किया। हालाँकि, गंभीर उकसावे के बावजूद, हमारे सैनिकों ने बड़े संयम का परिचय दिया और परिपक्व व ज़िम्मेदार तरीक़े से व्यवहार किया।'
फ़ायरिंग किए जाने का चीन का यह दावा तब आया है जब पिछले कई दिनों से चीनी सेना एलएसी पर उकसावे वाली कार्रवाई कर रही है। इसके जवाब में भारतीय सेना ने भी अपनी कोशिशें तेज़ की हैं और हाल ही में भारतीय सैनिकों ने पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी किनारे की एक अहम चोटी पर कब्जा किया है जहाँ से चीनी सेना की गतिविधियों पर नज़र रखने में भारतीय सेना के लिए काफ़ी सहूलियतें हो रही हैं।बहरहाल, भारत के बयान आने से पहले एक बयान में चीनी सेना के वेस्टर्न थिएटर कमांड के प्रवक्ता, कर्नल झांग शुइली ने दावा किया था कि भारतीय सेना ने 'सीमा पार कर चीन-भारतीय सीमा के पश्चिमी खंड बंगोंग हुनान में प्रवेश किया... भारतीयों की इस गतिविधि ने चीन और भारत के बीच प्रासंगिक समझौतों का गंभीरता से उल्लंघन किया। ऐसी गतिविधि क्षेत्रीय तनावों को बढ़ाती और ग़लतफहमी पैदा करती हैं'। उन्होंने यह भी दावा किया कि चीनी सीमा रक्षक स्थिति को सामान्य करने के लिए जवाबी कार्रवाई करने को मजबूर हुए। हालाँकि उन्होंने यह साफ़ नहीं किया कि यह कार्रवाई किस तरह की थी, क्या इसके लिए उन्होंने भी वार्निंग शॉट की फ़ायरिंग की या फिर कुछ और क़दम उठाए।
चीन ने इसे बहुत गंभीर उकसावे वाली कार्रवाई क़रार देते हुए कहा है- 'हम भारतीय पक्ष से अनुरोध करते हैं कि वह ख़तरनाक गतिविधियों को तुरंत रोके'।
चीनी अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने चीनी सेना के वेस्टर्न थियेटर कमांड के प्रवक्ता के हवाले से लिखा, 'भारतीय सेना ने पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी किनारे के पास शेनपाओ की पहाड़ी पर एलएसी को पार किया।'
The #Indian army again illegally crossed the Line of Actual Control in Shenpao mountain near the south bank of Pangong Tso Lake on Monday, #PLA Western Theater Command spokesperson revealed. pic.twitter.com/N4IuiHLjjm
— Global Times (@globaltimesnews) September 7, 2020
बता दें कि इससे पहले भारत की तरफ़ से आरोप लगाया गया था कि पिछले दो हफ्तों में चीनी सैनिकों ने लद्दाख के पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर उकसाने वाली कार्रवाई की थी। लेकिन एलएसी की यथास्थिति को बदलने के चीनी सैनिकों के प्रयास को भारतीय सैनिक रोकने और यथास्थिति बनाए रखने में सक्षम थे। तब यह कहा गया था कि उसमें शारीरिक झड़प नहीं हुई थी।
ऐसी ही उकसावे वाली कार्रवाई चीनी सैनिकों ने 31 अगस्त को भी की थी। तब चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों को घेर लिया था। चीनी सैनिक उन ऊँचाइयों पर कब्जा हासिल करने की कोशिश में थे जिन पर भारतीय सैनिकों का पहले से ही क़ब्ज़ा रहा है।
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