केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार द्वारा केंद्रीय एजेंसियों के कथित दुरुपयोग के विरोध में इंडिया गठबंधन ने 31 मार्च को दिल्ली में एक रैली की योजना बनाई है। विपक्षी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने 22 मार्च को लोकसभा चुनाव 2024 से पहले इस मुद्दे पर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव से मुलाकात की थी।
प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस, टीएमसी, सीपीएम, आम आदमी पार्टी, डीएमके, एनसीपी, एसपी और समाजवादी पार्टी के नेता शामिल थे। ये पार्टियाँ विपक्षी इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं।
रिपोर्टों के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल ने आरोप लगाया कि केजरीवाल की गिरफ्तारी केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय एजेंसियों का "घोर और दुस्साहसिक दुरुपयोग" का नतीजा है। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप लोकसभा चुनावों से पहले "समान चुनाव लड़ने के मौकों" में गिरावट आई है। विपक्ष को चुप कराया जा रहा है।
विपक्षी नेताओं ने चुनाव आयोग से यह तय करने के लिए एक तंत्र बनाने को कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान छापे, जांच और गिरफ्तारियों को पहले पैनल या उसके द्वारा गठित समिति द्वारा अनुमोदित किया जाए। केजरीवाल की गिरफ्तारी की विपक्ष के नेताओं ने एकजुट होकर से निंदा की, उनमें से अधिकांश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर केंद्रीय एजेंसियों के बदले की भावना से दुरुपयोग का आरोप लगाया।
केजरीवाल को लोकसभा चुनाव 2024 घोषित होने के चंद दिनों बाद गिरफ्तार किया गया है। उनकी आम आदमी पार्टी, विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया का हिस्सा है और चुनाव लड़ रही है। इंडिया गठबंधन आम चुनाव में भाजपा के खिलाफ एकजुट लड़ाई लड़ रहा है।
आप के तीन बड़े नेता भ्रष्टाचार के कथित मामलों में इस समय जेल में हैं। ये हैं दो पूर्व मंत्री - मनीष सिसोदिया और सत्येन्द्र जैन। पार्टी के एक राज्यसभा सदस्य संजय सिंह भी जेल में हैं। अब चौथे नेता केजरीवाल भी जेल में हैं। इस तरह आप की टॉप लीडरशिप जेल में है।
दरअसल, पिछले दो महीने में ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने वाले केजरीवाल दूसरे विपक्षी मुख्यमंत्री हैं। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एजेंसी ने 31 जनवरी को एक अलग मामले में गिरफ्तार किया था। 15 मार्च को, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) नेता और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता को भी इसी मामले में कथित मनी लॉन्ड्रिंग भूमिका के लिए ईडी ने गिरफ्तार किया था। केंद्रीय जांच एजेंसियां ये कार्रवाई ऐसे समय कर रही हैं, जब चुनाव घोषित हो चुके हैं। इस तरह की कार्रवाई से विपक्ष चुनाव लड़ने की स्थिति में नहीं रह जाएगा।
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