सुप्रीम कोर्ट ने केरल के सबरीमला स्थित भगवान अयप्पा के मंदिर में महिलाओं को घुसने की अनुमति पर पुनर्विचार करने के लिए 7 सदस्यों के खंडपीठ बनाने को कहा। इससे साफ़ है कि महिलाओं में मंदिर जाने के फ़ैसले पर सरकार ने रोक नहीं लगाई है।
सबरीमला : भेदभाव,आस्था,मान्यताएँ या पुरुषवादी सोच, सच क्या है?
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- 17 Nov, 2019

ईश्वर के दरबार में सबको हाज़िर होने का मौका क्यों नहीं देना चाहता वह केरल, जो अपनी बौद्धिकता के लिए पूरे देश में मशहूर है? आखिर क्या है मामला? क्या यह आस्था का सवाल है या इसके पीछे सदियों से चली आ रही पुरुषवादी सोच है? सवाल यह भी है कि कुछ लोग आधी आबादी के बारे में फ़ैसला कैसे कर सकते हैं? सवाल यह भी है कि क्या महिलाओं की आस्था को महत्व नहीं दिया जाना चाहिए?