राष्ट्रवाद के अपने अजेंडे को चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश में भारतीय जनता पार्टी ने जिस तरह इसे अपने संकल्प पत्र में शामिल किया है, उससे इस मुद्दे पर एक नई और तीखी बहस छिड़ गई है। हालाँकि यह मुद्दा पूरे भारत के लिए बेहद संवेदनशील है, पर जम्मू-कश्मीर के लिए कुछ ज़्यादा भावनात्मक है। बीजेपी के संकल्प पत्र में इसे ख़त्म करने की कोशिश का एलान करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने कहा कि यदि ऐसा हुआ तो जम्मू-कश्मीर का भारत मे ंविलय का प्रावधान भी ख़त्म हो जाएगा और राज्य आज़ाद हो जाएगा।