सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बांड पर विवरण का खुलासा करने के लिए समय सीमा बढ़ाने की मांग करने वाली भारतीय स्टेट बैंक की याचिका खारिज कर दी, लेकिन उसे ऐसा करने की छूट भी दे दी है कि किस कॉरपोरेट या शख्स ने किस पार्टी को कितना चंदा दिया, वो इस आंकड़े का न मिलान करे और न बताए। सुप्रीम कोर्ट के सोमवार 11 मार्च के फैसले का कुल सार है-
1. किस कॉरपोरेट/व्यक्ति ने कितनी राशि का बांड खरीदा2. किस राजनीतिक दल को बांड से कितना चंदा मिला3. मंगलवार 12 मार्च शाम 5 बजे तक स्टेट बैंक को दोनों सूचना केंद्रीय चुनाव आयोग को सौंप देना है।