दो हजार रुपये के नोट बंद करने का मामला क्या है इसे समझना मुश्किल है। 2016 में हुई नोटबंदी ने देश में जिस तरह तबाही लाई थी, उस के बारे में ये कहा गया था कि उसे सोच विचार के बाद नहीं लाया गया था। अब फिर वही कहा जा सकता है। सरकार की तरफ़ से ना उसका कारण बताया जाएगा और ना पूछा जाएगा। हो सकता है कि 2024 के चुनाव की घोषणा से पहले ऐसे फैसले होते रहेंगे। हमारे पास उसे झेलने के अलावा कोई विकल्प नही है। संभव है, उसका जो कारण स्पष्ट बताया जाये वो असली कारण न हो।