पुलवामा हमले की धमक अब क्रिकेट के खेल में भी दिखने लगी है। ऐसे समय में जबकि राष्ट्रवादियों के एक तबके से यह माँग उठ रही है कि भारत को वर्ल्ड कप टूर्नामेंट में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ मैच नहीं खेलना चाहिए तब क्रिकेट बोर्ड ने इस बारे में फ़ैसला फ़िलहाल टाल दिया है। यानी अभी यह तय नहीं है कि वर्ल्ड कप में भारत पाकिस्तान से क्रिकेट खेलेगा या नहीं! यह फ़ैसला आज देर शाम क्रिकेट प्रबंधन के लिए बनी हाई पावर कमेटी ने किया है।
इस फ़ैसले की जगह इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी आईसीसी को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने एक चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में बीसीसीआई ने लिखा है कि पिछले दिनों भारत की ज़मीन पर आतंकवादी हमला किया गया जिसमें भारतीय सुरक्षा बलों के 44 जवान मारे गए और यह हमला पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों ने किया है। इस हमले के बाद से क्रिकेट बोर्ड 2019 के वर्ल्ड कप के दौरान खिलाड़ियों और मैच अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर काफ़ी चिंतित है। बोर्ड ने आगे लिखा है कि आईसीसी के इंग्लैण्ड समेत कई सदस्य देशों ने इस आतंकवादी घटना की तीखी निंदा की है और भारत के साथ सहानुभूति जताई है।
क्रिकेट बोर्ड ने चिट्ठी में यह माँग की है कि सभी क्रिकेट खेलने वाले देश उन देशों से अपना संबंध तोड़ लें जो आतंकवाद को शह देते हैं। क्रिकेट बोर्ड ने अपनी इस चिट्ठी में पाकिस्तान का नाम नहीं लिया है लेकिन उसका इशारा बिल्कुल साफ़ है।
बोर्ड साफ़ तौर पर यह इशारा कर रहा है कि पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने पर प्रतिबंध लगना चाहिए क्योंकि पाकिस्तान आतंकवाद को शह देता है।
भारत-पाक के बीच क्रिकेट का रिश्ता ख़राब
क्रिकेट बोर्ड का यह नज़रिया बिल्कुल नया है, भारत पाकिस्तान के रिश्ते आतंकवादी गतिविधियों की वजह से पिछले दिनों काफ़ी ख़राब हुए हैं। मुंबई में आतंकवादी हमलों के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ आपसी मैच खेलना बंद कर दिया था। वह सिर्फ़ अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में ही पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलता रहा है। हालाँकि पाकिस्तान ने बीच में गुज़ारिश की कि दोनों देश किसी तीसरे देश में मैच खेल सकते हैं जिसे भारत नें मना कर दिया। सन 2006 में शुरू हुए टी-20 के आईपीएल टूर्नामेंट में भी पाकिस्तान के खिलाड़ियों के खेलने पर पाबंदी है लेकिन यह पहला मौक़ा है जब भारत ने यह कहा है कि आतंकवाद को बढ़ावा देने की वजह से सारे देशों को पाकिस्तान से क्रिकेट खेलना बंद कर देना चाहिए।
- अगर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की बात आईसीसी मान लेता है तो क्रिकेट की दुनिया में एक बहुत बड़ा फ़ैसला होगा।
दक्षिण अफ़्रीका रहा था रंग भेद नीति का शिकार
अब तक सिर्फ़ दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ ही क्रिकेट खेलने वाले देशों ने लंबे समय तक क्रिकेट खेलने से मना किया था। इसका कारण था दक्षिण अफ्रीका की रंग भेद नीति। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की इस पाबंदी की वजह से दक्षिण अफ़्रीका के कई बेहतरीन खिलाड़ी ज़्यादा टेस्ट मैच नहीं खेल पाए जिनमें बैरी रिचर्ड्स, पीटर पोलक, ग्रीम पोलक, माइक प्राक्टर, ए़डी बारलो, जैसे महानतम खिलाड़ी ज़्यादा टेस्ट क्रिकेट नहीं खेल पाए। उस जमाने में दक्षिण अफ़्रीका की टीम को दुनिया की सबसे बेहतरीन टीम माना जाता था। 1991 में जब दक्षिण अफ़्रीका ने रंग भेद की नीति छोड़ी तब क्रिकेट खेलने वाले देशों ने फिर दक्षिण अफ़्रीका से क्रिकेट खेलना शुरू किया।
क्या भारत की माँग मानी जाएगी?
पाकिस्तान आतंकवाद को शह देता है और भारत में आतंकवादी हमलों के लिए आतंकवादी संगठनों की पूरी मदद करता है। ऐसे में अगर इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल भारत की माँग मान लेता है और बाक़ी देश पाकिस्तान से क्रिकेट खेलने से इंकार करते हैं तो एक बार फिर दक्षिण अफ़्रीका की तरह ही इतिहास अपने को दोहरायेगा, लेकिन लाख टके का सवाल यह है कि क्या भारत की माँग मानी जाएगी?
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