विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम में शामिल होने वाले और कथित नफ़रती भाषण से सुर्खियों में रहे इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज शेखर कुमार यादव की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। भले ही संसद में उनके ख़िलाफ़ दिए गए महाभियोग प्रस्ताव नोटिस को खारिज कर दिया गया है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की सख्ती अभी भी कम नहीं हुई है। कॉलेजियम द्वारा तलब किए जाने के तीन सप्ताह बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश ने अब इस मुद्दे पर इलाहाबाद हाईकोर्ट से नई रिपोर्ट मांगी है। तो सवाल है कि क्या उनके ख़िलाफ़ कोई जाँच या कार्रवाई जैसा क़दम उठाया जाएगा?
जस्टिस यादव ने नहीं मांगी माफ़ी, SC करेगा कार्रवाई?
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- 9 Jan, 2025
वीएचपी के कार्यक्रम में 'देश तो बहुसंख्यक के हिसाब से चलेगा' बयान देने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज शेखर कुमार यादव की मुश्किल बढ़ने वाली है? जानें, सुप्रीम कोर्ट की क्या तैयारी है।

जस्टिस यादव इसलिए विवाद में हैं कि हाल ही में विश्व हिंदू परिषद यानी वीएचपी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने एक विवादास्पद टिप्पणी की थी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय परिसर में वीएचपी के कानूनी प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित उस कार्यक्रम में जस्टिस शेखर कुमार यादव ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि यह हिंदुस्तान है और यह देश बहुमत की इच्छा के अनुसार चलेगा। जज ने मुस्लिम समुदाय के खिलाफ विवादास्पद बयान दिया और कहा कि बहुसंख्यकों का कल्याण और खुशी दूसरों की इच्छाओं से ऊपर है।