सीबीआई निदेशक को पद से हटाने से जुड़ा विवाद अभी थमा भी नहीं था कि एजेंसी एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार भी उसके कामकाज के तौर तरीके पर सवाल उठ रहे हैं और ब्यूरो के अंदर की ख़ामियाँ बाहर आने लगी हैं। आईसीआईसाईआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी चन्दा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन समूह के प्रमुख वेणुगोपाल धूत के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराने वाले अफ़सर के तबादले से कई सवाल उठे हैं। आरोप लग रहा है कि सुधांंशु धर मिश्रा को बलि का बकरा बनाया गया है और कोचर को बचाने की कोशिश की जा रही है। यह आरोप भी है कि यह तबादला केंद्र सरकार के दबाव में किया गया था।
क्यों उठ रहे हैं सवाल?मिश्रा ने कोचर और दूसरे लोगों के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज कराई और उसके अगले ही दिन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सीबीआई से ‘इनवेस्टिगेटिव एंडवेंचरिज्म’ यानी ‘दुस्साहसिक जाँच’ नहीं करने की सलाह देते हुए एक ब्लॉग लिख डाला। अगले दिन उस अफ़सर का तबादला हो गया।