सीबीआई ने गुरुवार को नीट-यूजी पेपर लीक मामले में कथित सरगनाओं में से एक राकेश रंजन उर्फ रॉकी को गिरफ्तार कर लिया। यह आरोपी गड़बड़ियों पर कार्रवाई शुरू होने के बाद से ही फरार था। उसको विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 10 दिनों की सीबीआई हिरासत में भेज दिया गया। इस बीच राकेश से जुड़े पटना और कोलकाता के चार ठिकानों और बिहार में दो अन्य जगहों पर तलाशी ली गई।
नीट का यह मामला तब सामने आया था जब पहली बार बड़ी संख्या में छात्र टॉप कर गए। इसके बाद पता चला कि इस बार कुछ सेंटर पर पेपर देरी से दिए जाने के लिए ग्रेस मार्क्स दिए गए। इसी बीच बिहार पुलिस ने पेपर लीक मामले में बड़ी कार्रवाई की और कुछ आरोपियों को गिरफ़्तार किया। बिहार सरकार की आर्थिक अपराध इकाई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उसकी जांच से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि नीट-यूजी परीक्षा में पेपर लीक हुआ है। नीट पेपर लीक मामले की जाँच बिहार के बाद महाराष्ट्र, गुजरात होते हुई दिल्ली तक पहुँची। इन राज्यों में कई गिरफ़्तारियाँ की गई हैं।
सीबीआई ने अब तक बिहार नीट-यूजी पेपर लीक मामले में नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। गुजरात के लातूर और गोधरा में कथित हेराफेरी के सिलसिले में एक-एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, जबकि देहरादून से एक व्यक्ति को सामान्य साजिश के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है।
रॉकी बिहार में नीट-यूजी पेपर लीक मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किया गया नौवां व्यक्ति है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार राकेश को मास्टरमाइंड संजीव मुखिया का रिश्तेदार बताया जा रहा है। सीबीआई को जब से यह मामला मिला था, तब से वह उसका पीछा कर रही थी।
रॉकी ने कथित तौर पर प्रश्नपत्र लीक होने के बाद नीट-यूजी परीक्षा के लिए सॉल्वर की व्यवस्था भी की थी और पटना व रांची के कई एमबीबीएस छात्रों को सॉल्वर के रूप में नियुक्त किया था।
मेडिकल प्रवेश परीक्षा में कथित अनियमितताओं को लेकर छात्रों द्वारा देशव्यापी आक्रोश के बाद सीबीआई ने जांच का जिम्मा संभाला। इस जांच के तहत सीबीआई ने अब तक मामले में छह एफआईआर दर्ज की हैं। बिहार की एक एफआईआर में पेपर लीक शामिल है, जबकि गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र की अन्य एफआईआर परीक्षा के दौरान नकल और धोखाधड़ी के मामलों से संबंधित हैं।
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