माता-पिता की अनुमति के बिना भी आर्य समाज मंदिर अब तक जो शादी कराते आए हैं उसकी मान्यता रहेगी या नहीं, इसको सुप्रीम कोर्ट तय करेगा। आर्य समाज की इस तरह की शादी पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के हाल के फ़ैसले के बाद रोक लग गई थी, लेकिन अब इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है और उसने फ़िलहाल हाई कोर्ट के फ़ैसले पर स्टे भी लगा दिया है।
माता-पिता की सहमति के बिना आर्य समाज मंदिर विवाह करा सकेंगे या नहीं?
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- 6 Apr, 2022
क्या अदालतें आर्य समाज मंदिरों को माता-पिता की सहमति के बिना शादी करने के लिए मजबूर कर सकती हैं? जानिए, सुप्रीम कोर्ट में क्यों पहुँचा मामला।

आर्य समाज मंदिर में आर्य समाजी और हिंदू जोड़े शादी कराते रहे हैं। इसमें ख़ासकर वे युवा जो अपने अभिभावकों की मर्जी के ख़िलाफ़ और खुद की मर्जी से शादी करते रहे हैं। दरअसल, ऐसे युवाओं की शादी के लिए आर्य समाज मंदिर ही शरण स्थल रहा है। लेकिन मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के एक फ़ैसले से इस स्थिति में बदलाव आ गया था। हाई कोर्ट ने कहा था कि विशेष विवाह अधिनियम के तहत शादी के इच्छुक जोड़ों को अपने माता-पिता को पूर्व सूचना देना, विवाह के लिए नोटिस का प्रकाशन और विवाह के लिए आपत्तियाँ मंगाना अनिवार्य है। इसी के तहत हाई कोर्ट ने आर्य समाज मंदिर को अपने विवाह से जुड़े दिशा-निर्देश में बदलाव करने को कहा था।