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Apple ने भारत में पेगासस जैसे 'स्पाइवेयर हमले' की चेतावनी जारी की

Apple ने भारत में iPhone उपभोक्ताओं को चेतावनी जारी की है कि उनका डिवाइस पेगासस जैसे "स्पाइवेयर हमले" का संभावित लक्ष्य बन सकता है। कंपनी ने भारत और दुनिया भर के 98 अन्य देशों में उपभोक्ताओं को भेजी गई दूसरे नोटिस में कहा कि स्पाइवेयर उनके डिवाइस पर नियंत्रण हासिल कर सकता है। 

ऐप्पल ने कहा, "एनएसओ ग्रुप के पेगासस का स्पाइवेयर हमला असाधारण है और नियमित साइबर आपराधिक गतिविधि या उपभोक्ता मैलवेयर की तुलना में बहुत अधिक घातक हैं।" Apple ने iPhone ग्राहकों को यह भी सूचित किया कि हमलों में संभवतः "लाखों डॉलर खर्च होते हैं और व्यक्तिगत रूप से बहुत कम संख्या में लोगों के खिलाफ टारगेट किए जाते हैं, लेकिन ये हमले विश्वस्तर पर जारी हैं।"

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इस साल अप्रैल में, भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सर्टिफिकेट-इन) ने iPhone और iPad के लिए Apple के ऑपरेटिंग सिस्टम में कई कमजोरियों का पता लगाया था। सरकार की साइबर सुरक्षा एजेंसी ने कहा कि आईओएस 17.4.1 से पहले सफारी वेब ब्राउज़र संस्करणों में खामियां हमलावरों को टारगेट उपकरणों पर "मनमाना कोड फीड" कर सकती हैं।

अक्टूबर 2023 में भी Apple ने भारत सहित कई देशों में उपभोक्ताओं को ऐसी ही सूचना भेजी थी और उन्हें उनके उपकरणों पर "राज्य-प्रायोजित" हमले की चेतावनी दी थी। यानी वो साइबर हमला कथित तौर पर सरकार द्वारा प्रायोजित था। लेकिन किस सरकार द्वारा था, यह आज तक साफ नहीं हो पाया है।
महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती, जो जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री की मीडिया सलाहकार भी हैं, को बुधवार को अपने iPhone पर "स्पाइवेयर हमले" के बारे में Apple से अलर्ट मिला। यह अलर्ट ऐसे समय आया है जब जम्मू-कश्मीर अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद अपने पहले विधानसभा चुनाव के लिए तैयार हो रहा है। इल्तिजा मुफ्ती ने फौरन ही यह सूचना एक्स पर साझा करते हुए प्रधानमंत्री, गृह मंत्री को टैग किया।

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पेगासस स्पाईवेयर मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंचा था। पिछले साल सितंबर में, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पेगासस स्पाइवेयर के माध्यम से नागरिकों की अनधिकृत निगरानी के आरोपों की जांच के लिए उसने जिस समिति को नियुक्त किया था, उसने कहा था कि “सरकार ने जांच में पूरा सहयोग नहीं किया है”। 2022 में शीर्ष अदालत द्वारा गठित एक विशेषज्ञ समिति ने जांच किए गए 29 फोनों में से पांच में मैलवेयर पाए जाने का पता लगाया था, हालांकि पेगासस स्पाइवेयर के इस्तेमाल का कोई निर्णायक सबूत स्थापित नहीं किया जा सका था।

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क़मर वहीद नक़वी
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