कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी संसद सदस्यता वापस पाने के बाद शनिवार को दो दिवसीय दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड गए हैं। केरल के वायनाड में राहुल ने एक सभा को संबोधित करते हुए मणिपुर का मुद्दा एक बार फिर उठाया। उन्होंने कहा कि मैं पिछले दिनों मणिपुर गया था। वहां राहत कैंपों में गया। दोनों ही समुदायों के लोगों से मिला। पीड़ितों की समस्याएं सुनी। वहां मैंने जो देखा वह पिछले 19 सालों के अपने राजनीतिक करियर में नहीं देखा था।
राहुल गांधी ने कहा कि , मणिपुर में मैंने जो अनुभव किया वह अभूतपूर्व था। मैंने बाढ़ और हिंसा से प्रभावित स्थानों का दौरा किया है, लेकिन मैंने मणिपुर में जो देखा वह कुछ ऐसा था जो मैंने पहले कभी नहीं देखा था।
शिवरों में दो महिलाओं ने जो बताया वह परेशान कर रहा
उन्होंने कहा कि, वहां मुझे दो महिलाओं ने जो बताया वह मुझे आज भी परेशान कर रहा है। मैंने इन दो महिलाओं से राहत शिवरों में बात की, जब मैं कैंप में घुसा उनमें से एक महिला अकेली थी जबकि बाकी लोग अपने परिवार के साथ थे। मैंने उससे पूछा आपका परिवार कहां हैं। उसने मुझे कहा मेरे परिवार में अब कोई नहीं रहा। पहले वह चुप रही कुछ नहीं बोली। फिर मैंने उस महिला का हाथ पकड़कर पूछा क्या हुआ मुझे बताओ, तब उसने बताया कि उन्होंने मेरे बच्चे को मेरी आंखों के सामने गोली मार दी। फिर मैंने सोचा कि मेरा बेटा तो वापस नहीं आएगा तो मैं वहां से निकल गई। यह सब बताते हुए वह महिला कांप रही थी। उसने बताया मेरा घर जला दिया गया। जो कपड़े पहने हैं सिर्फ वही हैं। उन्होंने कहा कि दूसरी महिला ने भी ऐसी ही कहानी सुनाई।
सभा में राहुल गांधी ने कहा कि ये तो सिर्फ दो उदाहरण हैं, मणिपुर में ऐसी हजारों कहानियां हैं। मणिपुर में किसी के घर जला दिए गए हैं, किसी के भाई की हत्या कर दी गई है, किसी की बहन के साथ बलात्कार किया गया है और किसी के माता-पिता की हत्या कर दी गई है। यह सब ऐसा है मानो किसी ने पूरे मणिपुर में किरोसिन का तेल फेंककर आग लगा दी हो।
पीएम और उनकी कैबिनेट ने खूब हंसी-मजाक किया
राहुल ने मणिपुर का अपना अनुभव बताते हुए कहा कि जब हम मणिपुर पहुंचे और मैतेई इलाकों में गए तो वहां के लोगों ने हमें चेतावनी दी कि हम अपनी सुरक्षा में लगे किसी कुकी सुरक्षाकर्मी को नहीं लाएं नहीं को वे उसे मार डालेंगे। इसी तरह, जब हम कुकी इलाके में गए तो वहां लोगों ने हमें मैतेई समुदाय के सुरक्षाकर्मी लाने के खिलाफ चेतावनी दी। ये सब बताता है कि वहां पूर्ण विभाजन है। हर जगह खून है। मणिपुर में यही स्थिति है। सोचिए वहां यह स्थिति है। वहां हर जगह खून है, महिलाओं से रेप हो रहा है।
जब मैंने संसद में यह बातें बताईं। इसके बाद पीएम संसद में 2 घंटे 13 मिनट तक बोले। पीएम मोदी और उनकी कैबिनेट ने खूब हंसी-मजाक किया और मुस्कुराए। उन्होंने मुझ पर, कांग्रेस और 'इंडिया' गठबंधन पर हमला किया, लेकिन मणिपुर पर वह केवल दो मिनट बोले। राहुल गांधी ने कहा कि, आपने भारत माता की हत्या पर दो मिनट भी बात नहीं कही। आपकी हिम्मत कैसे हुई ऐसा करने की। आप ये क्यों कर रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि आप चार महीने से मणिपुर क्यों नहीं गए क्योंकि आप राष्ट्रवादी नहीं है।
परिवार हमेशा आपकी रक्षा करता है
राहुल ने कहा, मैंने संसद में कहा कि मणिपुर में आपने भारत माता की हत्या की है। भारत का विचार इसके लोगों के बीच शांति के विचार का प्रतिनिधित्व करता है। भाजपा ने मणिपुर में भारत के विचार की हत्या कर दी है। भारत के विचार की हत्या करने वाला कोई भी व्यक्ति राष्ट्रवादी नहीं हो सकता। जो कोई भी भारत के विचार की हत्या करता है वह भारत से प्रेम नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि, बीजेपी-आरएसएस को समझ नहीं आता कि परिवार क्या होता है। जितना वे हमें अलग करने की कोशिश करेंगे, हम उतने ही करीब होते जायेंगे। अगर आप संसद से मुझे अयोग्य करार देंगे तो भी वायनाड से मेरा रिश्ता और भी मजबूत हो जाएगा। एक परिवार हमेशा आपकी रक्षा करता है। ऊटी में आदिवासी समुदाय के लोगों से की मुलाकात
राहुल गांधी शनिवार को दिल्ली से निकले थे और सुबह करीब 9:30 बजे कोयंबटूर पहुंचे। यहां से वे सड़क मार्ग से वायनाड के लिए रवाना हुए। रास्ते में दोपहर करीब 2 बजे राहुल गांधी ऊटी के पास बसे मुथु नाडु गांव में रुके। यहां उन्होंने टोडा आदिवासी समुदाय के लोगों से मुलाकात की, यहां के लोगों ने उन्हें शॉल ओढ़ाकर उनका स्वागत किया। राहुल गांधी ने इस मौके पर आदिवासियों के साथ उनका पारंपरिक नृत्य भी किया।
राहुल ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस में उठाए थे कई सवाल
संसद में प्रधानमंत्री के अविश्वास प्रस्ताव पर दिए गए जवाब को नाकाफी बताते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस की थी। इसमें उन्होंने प्रधानमंत्री पर कई गंभीर आरोप लगा उनपर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में भी कहा था कि मणिपुर जल रहा है और प्रधानमंत्री संसद में हंस-हंसकर बोल रहे थे, ये उनको शोभा नहीं देता। अगर हिंदुस्तान में कहीं भी हिंसा हो रही है तो प्रधानमंत्री को इस तरह से संसद में हंस-हंसकर नहीं बोलना चाहिए। उन्होंने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि हमारे प्रधानमंत्री को ये पता नहीं लग रहा है कि हमारे देश में क्या कुछ हो रहा है। वो मणिपुर जा नहीं सकते तो कम से कम वहां के बारे में ही बोलें तो। मणिपुर में जो कुछ हो रहा है, उसे हमारी सेना रोक सकती है। हिंदुस्तान की सेना इस तमाशे, ड्रामे को 2 दिनों में रोक सकती है लेकिन पीएम मणिपुर को जलाना चाहते हैं और आग को बुझाना नहीं चाहते हैं।
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