सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) लागू होने के बाद इसे लेकर सबसे ज्यादा सवाल मुसलमानों के संदर्भ में किए जा रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि सीएए के बाद सरकार जब एनारसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) लाएगी तब इस सीएए का प्रभाव नजर आएगा, जिसके जरिए मुसलमानों को भारतीय नागरिकता नहीं मिल पाएगी। इन सारे सवालों को जवाब अमित शाह ने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में दिया है। यह लंबा चौड़ा इंटरव्यू गुरुवार सुबह एएनआई ने जारी किया। इंटरव्यू की कुछ खास बातों को सत्य हिन्दी पर भी प्रकाशित किया जा रहा है।
अमित शाह के इस इंटरव्यू में सबसे महत्वपूर्ण बयान है- "राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का सीएए से कोई लेना-देना नहीं है। अल्पसंख्यकों या किसी अन्य व्यक्ति को डरने की कोई ज़रूरत नहीं है क्योंकि सीएए में किसी की नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं है। सीएए सिर्फ अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, बौद्ध, जैन, सिख, ईसाई और पारसी शरणार्थियों को अधिकार और नागरिकता देने के लिए है।" उन्होंने कहा कि 41 बार कह चुका हूं कि सीएए मुसलमानों के खिलाफ नहीं है।