क्या ट्रेनें भी बसों और कारों की तरह रास्ते से भटक सकती हैं? इस सवाल से चौंक गए न आप! दरअसल, कई श्रमिक स्पेशल ट्रेनें अपने रास्ते से भटकने की ख़बरें हैं। एक श्रमिक ट्रेन महाराष्ट्र के वसई से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के लिए चली थी और पहुँच गई ओडिशा के राउरकेला। ट्रेनों के रास्ते भटकने के सवाल किए गए तो रेलवे ने अजीबोगरीब जवाव दिए कि लाइनें व्यस्त होने के कारण उनका रूट बदला गया था। अब यदि दो दिन में पहुँचने वाली ट्रेन 9 दिन में अपने गंतव्य तक पहुँचे तो उसे क्या कहेंगे, रूट बदलना या रास्ते से भटकना? और इस बीच ट्रेनों में कई लोगों की मौत की ख़बरें आने लगे तो क्या कहा जाएगा!
40 श्रमिक ट्रेनें रास्ता भटकीं! एक तो 9 दिन में पहुँची; कई मज़दूरों की मौत
- देश
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- सत्य ब्यूरो
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- 26 May, 2020
क्या ट्रेनें भी बसों और कारों की तरह रूट से भटक सकती हैं? चौंक गए न आप! कई कई श्रमिक स्पेशल ट्रेनें अपने रास्ते से भटक गईं। एक ट्रेन तो 9 दिन में गंतव्य तक पहुँची। ऐसे में भूख-प्यास से क्या मौत नहीं होगी?
