सुप्रीम कोर्ट के 20 फ़रवरी के आदेश से देश की सबसे ग़रीब, सबसे उपेक्षित और सबसे अविकसित आदिवासी आबादी के क़रीब 11 लाख परिवार एक ऐसे भँवर में फँस गए हैं जिसका किसी के पास कोई हल नहीं दिखता! मामले की अगली सुनवाई 27 जुलाई को है और उससे पहले इस आदेश का पालन होना है।