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बिहार एनडीए में नया फाॅर्मूला- जेडीयू प्लस-बीजेपी प्लस, क्या जीत दिला पाएगा?

सीट बंटवारे की घोषणा के लिए आयोजित प्रेस काॅन्फ्रेन्स के दौरान बीजेपी नेता और उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने महत्वपूर्ण बात यह कही कि बस चार दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ़ोटो का प्रयोग चुनाव प्रचार के लिए कर सकेंगे, क्योंकि ये दल एनडीए में शामिल हैं। यानी एलजेपी के नेता प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा अपने भाषणों में तो कर सकेंगे लेकिन अपनी पार्टी के पोस्टरों में यह करना उनके लिए मुश्किल हो गया है। 
समी अहमद

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए काफी दिनों से आज-कल होते-होते मंगलवार को एनडीए के बीच सीटों का बंटवारा हो सका। यह बंटवारा एकदम नये फ़ॉर्मूले- जेडीयू प्लस और बीजेपी प्लस से हुआ। 

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए काफी दिनों से आज-कल होते-होते मंगलवार को एनडीए के बीच सीटों का बंटवारा हो सका। यह बंटवारा एकदम नये फ़ॉर्मूले- जेडीयू प्लस और बीजेपी प्लस से हुआ। 

बीजेपी प्लस में विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के शामिल होने से किसी को आश्चर्य इसलिए नहीं हुआ क्योंकि महागठबंधन से बाहर आने के बाद वीआईपी की बातचीत बीजेपी से होने की चर्चा जोरों पर थी। वीआईपी के अध्यक्ष मुकेश सहनी महज तीन दिन पहले महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर हुई प्रेस कॉन्फ्रेन्स के वक्त वहां मौजूद थे। उनकी मांग थी 25 सीट और उपमुख्यमंत्री का पद। लेकिन इस पर बात नहीं बन सकी। अब यह साफ हो गया है कि वीआईपी को 6-7 सीट से अधिक नहीं मिलने वाली। तो क्या वीआईपी महागठबंधन में प्लांट की गयी पार्टी थी? 

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महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर हुई प्रेस कॉन्फ्रेन्स के दौरान वीआईपी के कार्यकर्ताओं ने जिस तरह हंगामा किया था, उसके बारे में महागठबंधन के नेताओं का कहना था कि मुकेश सहनी की ओर से किया गया हंगामा पूर्व नियोजित था।

तेज प्रताप के प्रति स्नेह क्यों?

इसके अगले ही दिन मुकेश सहनी ने आरजेडी में नेतृत्व बदलने की शर्त पर महागठबंधन में वापसी की बात की और तेज प्रताप को नेता बनाने की मांग की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत बीजेपी के कई नेता तेज प्रताप के प्रति स्नेह जता रहे हैं और बीजेपी ने शायद ही उन पर कोई व्यक्तिगत हमला किया हो।

ताजा समझौते के अनुसार, बीजेपी प्लस को 121 और जेडीयू प्लस को 122 सीटें मिलीं। जेडीयू प्लस में हाल ही में एनडीए में शामिल हुए पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा को 7 सीटें दी गयी हैं। बीजेपी प्लस में शामिल होने वाली वीआईपी को 6-7 सीट मिलने की संभावना है।

2015 में नीतीश कुमार महागठबंधन बनाकर 101 सीटों पर चुनाव लड़े थे। इतनी ही सीटें महागठबंधन के दूसरे बड़े दल आरजेडी को मिली थीं। इससे पहले 2010 में नीतीश कुमार ने एनडीए में रहते हुए जेडीयू के लिए 141 और बीजेपी के लिए 102 सीटों पर चुनावी समझौता किया था।

सीट बंटवारे के एलान से पहले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने मीडिया से कहा कि बिहार में एनडीए नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगा।

एलजेपी को चेताया 

सीट बंटवारे की घोषणा के लिए आयोजित प्रेस काॅन्फ्रेन्स के दौरान बीजेपी नेता और उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने एक और महत्वपूर्ण बात यह कही कि बस चार दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ़ोटो का प्रयोग चुनाव प्रचार के लिए कर सकेंगे, क्योंकि ये दल एनडीए में शामिल हैं। यानी एलजेपी के नेता प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा अपने भाषणों में तो कर सकेंगे लेकिन अपनी पार्टी के पोस्टरों में यह करना उनके लिए मुश्किल हो गया है। 

सुशील मोदी ने इस चर्चा को भी विराम देने की कोशिश की कि चुनाव में बीजेपी की चाहे जितनी सीटें आए, एनडीए की सरकार बनी तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही होंगे।

रविवार को जब एलजेपी ने नीतीश के नेतृत्व में चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था, तभी से जेडीयू और बीजेपी के रुख को लेकर काफी सस्पेंस बना हुआ था। एलजेपी ने न सिर्फ नीतीश के नेतृत्व को अस्वीकार कर दिया था बल्कि उसने जेडीयू को मिलने वाली सीटों पर भी अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर दी थी।

बिहार विधानसभा चुनाव पर देखिए, वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष और चुनाव विश्लेषक संजय कुमार की बातचीत। 

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने यह भी साफ कर दिया कि एनडीए में वही पार्टी रहेगी जिसे बिहार में नीतीश कुमार का नेतृत्व मंजूर हो। जायसवाल ने कहा कि बीजेपी नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने की पूरी कोशिश करेगी। 

चिराग ने फिर बोला हमला 

दूसरी तरफ, एलजेपी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने एनडीए में सीट बंटवारे के एलान के दौरान ही नीतीश कुमार पर अप्रत्यक्ष हमला करते हुए ट्वीट कर रहा, ‘‘अगली सरकार बनते ही सात निश्चय योजना में हुए भ्रष्टाचार की जांच कर सभी दोषियों को जेल भेजा जाएगा व लम्बित राशि का तुरंत भुगतान किया जाएगा ताकि अधूरे पड़े कार्य पूरे हो सकें।”

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एलजेपी हाल के दिनों में नीतीश सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘सात निश्चय और जल जीवन हरियाली’ को एनडीए के बजाय जेडीयू का कार्यक्रम बताते हुए इसमें भ्रष्टाचार का आरोप लगाते आयी है।

चिराग पासवान ने अपने ट्विटर हैंडल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को इस बात के लिए धन्यवाद दिया है कि उन्होंने उनके बीमार पिता रामविलास पासवान के बारे में पूछा है। मंगलवार को नीतीश ने भी पासवान के जल्द स्वस्थ होने की कामना की। 

सीट बंटवारे के एलान और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के इस भरोसे के बाद कि नीतीश की अनुमति के बिना एनडीए में न कोई आ सकता है और न जा सकता है, एलजेपी इस बात का जवाब कैसे देती है, इसे दिलचस्पी से देखा जाएगा।

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