भारत निर्वाचन आयोग की प्रेस काॅन्फ्रेंस में बिहार विधानसभा चुनाव की तारीख़ों की घोषणा कर दी गई। बिहार में मौजूदा विधानसभा की अवधि 29 नवंबर तक है। बिहार के चुनावी दंगल में दोनों गठबंधनों की छोटी पार्टियों में कौन किधर जाएगी, इस पर अटकलें जारी हैं।

यह चुनाव राजनीतिक पार्टियों के साथ-साथ वोटरों के लिए भी एक चुनौती माना जा रहा है। एक ओर बाढ़ से मची तबाही है तो दूसरी ओर कोरोना के बाद बिहार में प्रभावित आबादी का प्रदेश लौटना भी एक गंभीर बात है। लेकिन सबसे अहम बात है कि दशकों बाद बिहार में विधानसभा चुनाव बिना लालू यादव के होने जा रहा है। लालू की अनुपस्थिति में कैसा होगा यह चुनाव....
2015 में हुए विधानसभा चुनावों के प्रथम विजेता गठबंधन के दलों के लिए स्टार प्रचारक लालू प्रसाद इस समय राँची में कैद अस्पताल में अपना इलाज करा रहे हैं और इसकी उम्मीद कम ही है कि चुनावी राजनीति में कोई सक्रिय भूमिका निभा सकें। बिहार में लालू की अनुपस्थिति में हो रहे इस पहले चुनाव में सबसे अधिक दबाव उनके राष्ट्रीय जनता दल पर ही दिख रहा है।