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आरजेडी बिहार में विधान परिषद के होने वाले 24 सीटों पर कांग्रेस का समर्थन चाहती है। लेकिन, वो विधान परिषद में कांग्रेस को कोई सीट देने को तैयार नहीं है। आरजेडी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में गुरुवार को तेजस्वी यादव ने साफ कर दिया कि आरजेडी केंद्र में कांग्रेस के साथ है। बदले में कांग्रेस प्रदेश में उसका समर्थन करे।
तेजस्वी विधान सभा उपचुनाव में कांग्रेस की ओर से आरजेडी के खिलाफ प्रत्याशी खड़ा करने को लेकर नाराज हैं। अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि आरजेडी पहले राष्ट्रीय पार्टी हुआ करती थी। हमने धर्मनिरपेक्ष पार्टियों के साथ समझौता कर के कई राज्यों में उन्हें मजबूत बनाया। अब उनकी बारी है। क्योंकि बिहार में आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी है। विधान सभा चुनाव में हमने 70 सीटें जीती है। लेकिन, हमें कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। ऐसा नहीं चलेगा। कांग्रेस को हमारी मदद करनी चाहिए।
लालू प्रसाद ने बिना नाम लिए कांग्रेस को साथ मिलकर चुनाव लड़ने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण चुनाव है। स्थानीय निकाय में 80 फीसदी हमारे लोग चुने गए हैं। 24 सीटों पर हम जीतेंगे।
बताते चलें कि बिहार में आरजेडी ने विधान परिषद की सभी 24 सीटों पर वाम दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद कांग्रेस ने भी सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़ा करने का एलान कर दिया है। कांग्रेस की इस घोषणा के बाद आरजेडी ने कांग्रेस से समर्थन मांगा है। कहा जा रहा है कि इसी कारण आरजेडी ने अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा करने से परहेज किया है। कांग्रेस नेता और राज्य सभा सदस्य अखिलेश प्रसाद सिंह भी आरजेडी और कांग्रेस में पुल बनकर पूरे मामले का हल करने में लगे हुए हैं।
लालू प्रसाद ने कहा कि देश की किसी भी पार्टी से आरजेडी की औकात बहुत बड़ी है। लालू ने पटना में कहा कि आरजेडी का इतिहास संघर्ष का रहा है। हमने कभी समझौता नहीं किया। हमारे नेताओं को हमेशा लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए। लालू ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कहा कि अंग्रेज ही भाजपा के नए रूप में आज पैदा होकर देश पर राज कर रहे हैं। ऐसा पीएम हमलोगों ने पहले कभी देखा ही नहीं है। नीतीश कुमार के बारे में जिक्र करते हुए लालू ने कहा कि बिहार में लॉ एंड ऑर्डर पूरी तरह चौपट है। लालू ने किसानों के आंदोलन को सैल्यूट करते हुए कहा कि किसान कभी झुके नहीं बल्कि सरकार को झुकना पड़ा।
आरजेडी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से तेजस्वी के संबोधन से पहले तेजप्रताप का बैठक छोड़कर जाने पर कानाफूसी तेज हो गई है। आरजेडी नेता भी अब कहने लगे हैं कि लालू परिवार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।
पार्टी सूत्रों और जानकारों की मानें तो तेज प्रताप कुछ मुद्दों को लेकर अपने छोटे भाई और प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव से अलग मत रखते हैं। इसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का मसला भी शामिल है। इसके साथ ही बैठक में मीसा भारती को बोलने का मौका नहीं देने को लेकर भी तेजप्रताप नाराज थे।
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