बिहार में राजनीति एक नयी करवट लेने की तैयारी में दिखायी दे रही है। एक तरफ़ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) एक नयी ज़मीन की तलाश में जुटे दिखायी दे रहे हैं तो दूसरी तरफ़ बिहार की राजनीति की दूसरी धुरी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) पर नेतृत्व विहीन होने का ख़तरा मंडरा रहा है। आरजेडी के संस्थापक लालू यादव के जेल जाने के बाद ऐसा लग रहा था कि उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने पार्टी की कमान को पूरी तरह से संभाल लिया है। लेकिन लोकसभा चुनाव में अप्रत्याशित हार के बाद तेजस्वी का तेज धूमिल दिखायी दे रहा है। लोकसभा चुनाव का नतीजा सामने आने के बाद से ही तेजस्वी बिहार की राजनीति और पार्टी के क्षितिज से लगभग ग़ायब दिखायी दे रहे हैं।