बीजेपी राज में रोज़ा इफ़्तार की राजनीति लगभग ख़त्म हो गयी है। अस्सी-नब्बे के दौर में मंत्री और नेताओं के बीच इफ़्तार पार्टियों की होड़ लगी रहती थी। इसके ज़रिए मुसलमानों के बीच अपना राजनीतिक दमख़म दिखाया जाता था। दिल्ली और देश के ज़्यादातर हिस्सों से इफ़्तार पार्टियों का वो राजनीतिक रंग ग़ायब हो गया है। लेकिन बिहार इसका अपवाद है। राजधानी पटना में इफ़्तार पार्टियों के ज़रिए राज्य की राजनीति की दिशा तलाशने की कोशिश की जा रही है।