loader

बिहार सामूहिक बलात्कार कांड : पीड़िता को ज़मानत, मददगार को राहत नहीं

बिहार के अररिया ज़िले की बहुचर्चित सामूहिक बलात्कार की पीड़िता को ज़िला अदालत ने जमानत दे दी है। क्या है पूरा मामला, बता रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार नीरज सहाय। 
बिहार के अररिया ज़िले की बहुचर्चित सामूहिक बलात्कार की पीड़िता को ज़िला अदालत ने जमानत दे दी है। वहीं पीड़िता की दो मददगार कल्याणी बडोला और तन्मय निवेदिता को किसी प्रकार की राहत नहीं मिली है। दोनों सामाजिक कार्यकर्ताओं को अगले आदेश तक न्यायिक हिरासत में ही रहना होगा। 

मामला क्या है?

दरअसल, अदालत की अवमानना के आरोप में इस महीने की 10 तारीख़ को पीड़िता समेत उसकी दो मददगारों को जेल भेज दिया गया था। इसके बाद देश के नामी वकीलों इंदिरा जय सिंह, प्रशांत भूषण, रेबेका जॉन समेत 376 लोगों ने पत्र लिख कर पीड़िता और दोनों सामाजिक कार्यकर्ताओं  को रिहा करने का अनुरोध किया था। इनके अलावा कई संगठनों ने भी पीड़िता और उसकी दोनों मददगारों की रिहाई की माँग की थी। 

बिहार से और खबरें

समूचे प्रकरण पर इसी सप्ताह राष्ट्रीय महिला आयोग और राज्य महिला आयोग भी संज्ञान ले चुके हैं। 

मामले पर पटना हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुये शुक्रवार को सुनवाई की तारीख तय की थी, लेकिन संबंधित न्यायाधीश कोर्ट नहीं पहुँच सके। 

उधर अररिया के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने इस मामले पर विशेष सुनवाई कर पीड़िता को पीआर बॉन्ड के आधार रिहा कर दिया। लेकिन दोनों सामाजिक कार्यकर्ताओं को अदालत ने कोई राहत नहीं दी है। 

अब क्या होगा?

इस संबंध में पीड़िता और सामाजिक कार्यकर्ताओं के वकील देव कुमार सेन ने पीड़िता को ज़मानत देने के कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया। वहीं सामाजिक कार्यकर्ताओं को ज़मानत नहीं मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि 'इसकी वजह अभी स्पष्ट नहीं है। यह आदेश की कापी मिलने के बाद स्पष्ट होगा।'  संगठन के लोग आगे रणनीति तय करने को लेकर कानूनी मशविरा ले रहे हैं।
दरअसल छह जुलाई की शाम को अररिया की एक 22 साल की युवती के साथ सामूहिक बलात्कार किये जाने की ख़बर आयी। घटना के दूसरे दिन सात तारीख को महिला थाना, अररिया में कांड संख्या 59/ 2020 दर्ज हुआ। थाने में दर्ज शिकायत में कहा गया है कि,
'छह जुलाई की शाम साहिल ने मुझे मोटरसाइकिल सिखाने के लिए बुलाया। मेरा जाने का मन नहीं था फिर भी उसके बार- बार जिद करने की वजह से वहाँ चली गयी। वहाँ से वह मुझे एक स्कूल कैंपस ले गया और उसने बाइक चलाना सिखाया। देर हो रही थी, इसलिये मैंने उसे घर छोड़ने को कहा, लेकिन वह मुझे नहर के समीप सुनसान सड़क पर ले गया, जहाँ पहले से तीन अज्ञात लोग खड़े थे। उसके बाद वे मुझे अगवा कर सुनसान जंगल ले गये और मेरे साथ दुष्कर्म किया। देर रात मुझे नहर के पास छोड़ दिया गया। यहीं से मैंने कल्याणी को कॉल किया और कल्याणी के घर गयी।'

अवमाना का मामला

घटना के दूसरे दिन मामले की शिकायत दर्ज हुई। मामले को लेकर 10 जुलाई को अदालत में बयान दर्ज किया गया। उसी दौरान पीड़िता ने आग्रह किया कि उसके बयान को उसकी मददगार के सामने पढ़ा जाये। 
कोर्ट ने तब कल्याणी को तलब किया और उसके बाद न्यायालय कक्ष में तन्मय भी गयी। कोर्ट से आग्रह किया गया कि जब पीड़िता ऐसा चाह रही है तो इसमें हर्ज क्या है। इसके बाद न्यायालय  ने पीड़िता समेत दोनों के ख़िलाफ़ अवमानना का मामला दायर कर न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दे दिया। सभी को दलसिंह सराय जेल में बंद कर दिया गया।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
नीरज सहाय
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

बिहार से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें