जाति जनगणना के विरोध में तरह-तरह के तर्क क्यों दिए जा रहे हैं? विरोध करने वाले जो तथ्य रख रहे हैं, क्या वे सब सही हैं या फिर कुछ तथ्यों के आधार पर ग़लत सूचना के साथ ऐसी धारणा बनाने की कोशिश की जा रही है कि जाति जनगणना एकदम से ग़लत है?