बीजेपी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के लिए अभी तक मुख्यमंत्री के रूप में किसी को पेश नहीं किया है, जिसकी वजह यह है कि पार्टी के पास ममता बनर्जी की क़द का कोई नेता नहीं है। शुरू से ही चर्चा थी कि वह राजनीति से बाहर की किसी मशहूर बंगाली शख़्सियत को पार्टी के मुख्यमंत्री के तौर पर पेश करेगी। इस साल के आरंभ में सौरभ गांगुली के नाम की चर्चा भी उठी, लेकिन सौरभ अचानक बीमार पड़ गए और उस आधार पर उन्होंने यह अनुरोध अस्वीकार कर दिया।
मिथुन को मुख्यमंत्री चेहरा बनाने में बीजेपी को दुविधा क्यों?
- विश्लेषण
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- 18 Mar, 2021
बीजेपी अपनी हार निश्चित जानकर मिथुन को मुख्यमंत्री चेहरा बनाने को तत्पर हो सकती है जैसा कि उसने दिल्ली में किरण बेदी को अपना सीएम फ़ेस बनाकर किया था क्योंकि तब उसके दोनों हाथों में लड्डू होंगे - हारे तो अपना गया क्या, जीते तो इससे भला क्या।
इधर जब से मिथुन चक्रवर्ती बीजेपी में शामिल हुए हैं, तब से यह अनुमान लगाया जाने लगा कि पार्टी उन्हे ममता बनर्जी के मुक़ाबले में सामने ला सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी ब्रिगेड रैली में उन्हें 'बांग्लार छेले' (बंगाल का बेटा) कहा, जिससे इन अटकलों को बल मिला क्योंकि तृणमूल ममता को 'बंगाल की बेटी’ के तौर पर प्रचारित कर रही है। उसका नारा है - 'बांग्ला निजेर मेये के चाय' (बंगाल अपनी ही बेटी को चाहता है)।
नीरेंद्र नागर सत्यहिंदी.कॉम के पूर्व संपादक हैं। इससे पहले वे नवभारतटाइम्स.कॉम में संपादक और आज तक टीवी चैनल में सीनियर प्रड्यूसर रह चुके हैं। 35 साल से पत्रकारिता के पेशे से जुड़े नीरेंद्र लेखन को इसका ज़रूरी हिस्सा मानते हैं। वे देश