पाँच राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, चुनावी सरगर्मियाँ बहुत तेज़ हो चुकी हैं। लेकिन सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण पश्चिम बंगाल का चुनाव माना जा रहा है। पश्चिम बंगाल बीजेपी ने ममता बनर्जी की 10 साल पुरानी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया हुआ है, वहीं ममता बनर्जी भी अपनी सरकार बचाकर जीत की हैट्रिक बनाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहीं हैं।
पश्चिम बंगाल चुनाव: धर्म का तड़का, फ़ायदा किसका?
- विश्लेषण
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- 14 Mar, 2021

ममता बनर्जी ख़ुद को हिंदू साबित करने के लिए कभी मंदिर की शरण लेती हैं, कभी चुनावी रैली के मंच से चंडी पाठ करती है तो कभी खुद को ब्राह्मण की बेटी बताती हैं। ये सारी क़वायद ममता बनर्जी को अपने हिंदू वोटरों को जोड़े रखने के लिए करनी पड़ रही है। इसकी वजह यह है कि उन पर बीजेपी की तरफ से लगने वाले मुसलिम तुष्टीकरण के आरोपों की वजह से इनके खिसकने का ख़तरा लगातार बना हुआ है।
चुनाव प्रचार में धर्म का तड़का
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में धर्म के तड़के ने चुनावी मुद्दों को बदल कर रख दिया है। आम आदमी से जुड़े मुद्दे हाशिए पर चले गए हैं। धार्मिक पहचान और धार्मिक अस्मिता सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई है। धर्म के इस तड़के से किसे फ़ायदा होगा और किसे नुक़सान, सबकी निगाहें इसी पर टिकी हुई हैं।