अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारत पर अगले महीने से लागू होने वाली जवाबी टैरिफ नीति ने दोनों देशों में हलचल मचा दी है। ट्रंप ने घोषणा की है कि 2 अप्रैल से भारत से आयात पर भारी शुल्क लगाया जाएगा। इससे अमेरिका में लाखों मरीजों को महंगी दवाओं का सामना करना पड़ सकता है, जबकि भारत का दवा उद्योग भी संकट में आ सकता है। पिछले हफ्ते, भारतीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने अमेरिका का अचानक दौरा किया, ताकि ट्रंप प्रशासन के साथ व्यापार समझौता हो सके और इस टैरिफ़ को टाला जा सके। लेकिन अभी तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है।
ट्रंप के टैरिफ़ से भारत, अमेरिका दोनों पर संकट, दवाओं की क़ीमतें बढ़ेंगी?
- विश्लेषण
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- 13 Mar, 2025
ट्रंप के नए टैरिफ़ का असर भारत और अमेरिका दोनों पर पड़ेगा। भारतीय दवा उद्योग को झटका लग सकता है, जिससे अमेरिकी बाज़ार में दवाओं की क़ीमतें बढ़ने की आशंका है। जानें इस टैरिफ़ का संभावित प्रभाव।

अमेरिका में इस्तेमाल होने वाली लगभग आधी जेनेरिक दवाएँ भारत से आती हैं। ब्रांडेड दवाओं का सस्ता विकल्प जेनेरिक दवाएँ अमेरिका में 90% नुस्खों में शामिल हैं। ये सस्ती दवाएँ अमेरिकी स्वास्थ्य प्रणाली को अरबों डॉलर की बचत कराती हैं। कंसल्टिंग फर्म IQVIA की एक स्टडी के मुताबिक़, 2022 में भारतीय जेनेरिक दवाओं से अमेरिका को 219 अरब डॉलर की बचत हुई। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर ट्रंप का टैरिफ़ लागू होता है तो कई भारतीय जेनेरिक दवाएं अमेरिकी बाजार में व्यावहारिक नहीं रह पाएँगी, जिससे कंपनियां बाजार छोड़ सकती हैं और पहले से जूझते बाज़ार में दवा की कमी और बढ़ सकती है।