प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गले लगाकर जितनी सुर्खियां राहुल गांधी ने बटोरी थीं और उस घटना को जितने लोग याद रखते हैं, उससे कहीं अधिक सुर्खियां राहुल ने ‘वसुधैव अटल’ जाकर बटोरी है और इस घटना को भुलाए नहीं भुलाया जा सकेगा। इसकी एक स्पष्ट वजह है कि संसद में मोदी से गले लगने में विचारों से समझौता वाला भाव नहीं था।