सरकारें झूठ पहले भी बोलती थीं लेकिन तब झूठ पकडे जाने पर उन्हें शर्म आती थी और कई साल तक वह झूठ नहीं परोसती थीं. मोदी गवर्नेंस ने झूठ बोलने को “परफेक्शन” के मकाम पर पहुँचाया और आज कार्यपालिका के शीर्ष पर बैठा व्यक्ति हो या राज्य का भाजपी सीएम झूठ नहीं बोलते हैं, बल्कि सफ़ेद झूठ बोलते हाँ, लगातार बोलते हैं और पकडे जाने पर भी और बेशर्मी से बोलते हैं.