28 अप्रैल को कर्नाटक में एक जनसभा को संबोधित करते हुए भारतके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनना है यह फैसला आजादी मिलने के अगले दिन ही हो जाना चाहिए था। उन्होंने कोई तारीख तो नहीं बताई लेकिन शायद उनका मतलब 16 अगस्त 1947 से रहा हो। नरेंद्र मोदी का जन्म 17 अगस्त 1950 को यानि आजादी के लगभग 3 सालों बाद हुआ था। संभवतया उन्हे न मालूम हो कि देश किन परिस्थितियों से गुजर रहा था। लेकिन आज जब वो भारत के प्रधानमंत्री हैं तो उन्हे भारत के इतिहास और मुख्यरूप से भारतीय ग़ुलामी के इतिहास को अच्छे से देखना चाहिए था।
नेहरू को लड़खड़ाते भारत को खड़ा करना था, मंदिर को नहीं!
- विश्लेषण
- |
- |
- 4 May, 2024

नेहरू को उनके विचारों से भी पहचाना जाता है। आज मोदी ने इन विचारों को जिस तरह गलत तरह से पेश करने की कोशिश की है, ऐसे में यह जानना जरूरी है कि नेहरू और मोदी के विचारों में क्या असमानता है। नेहरू क्या करना चाहते थे और उन्होंने क्या किया। जबकि मोदी जो करना चाहते हैं और जो कर रहे हैं। वो सामने हैं। यह एक जरूरी लेख है। पढ़िएः