महाराष्ट्र की राजनीति में सत्ता का खेल शुरू हो गया है। अब इसकी मलाई खाने के लिए अजित पवार भी अपने चाचा को छोड़कर सरकार में शामिल हो गये हैं। पहले की तरह ही अजित पवार ने आज दिन में मीटिंग की और दोपहर तक उपमुख्यमंत्री भी बन गये। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही उठने लगा है कि आखिर इस समय इस खेल की ज़रूरत क्या है? क्या है अंदर का खेल, ये हमको बताते हैं।
बीजेपी साथ अजित आ गए; शिंदे के विधायक अयोग्य तो नहीं होंगे?
- विश्लेषण
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- 2 Jul, 2023

अजित पवार के पास भी उतने ही विधायक हैं जितने शिंदे के। तो क्या राजनैतिक तौर पर अब एकनाथ शिंदे बीजेपी की मजबूरी नहीं रह गये हैं? क्या राज्य में अब राजनीतिक समीकरण बदलेंगे?
पहली बात तो ये कि ये खेल मुंबई से नहीं बल्कि दिल्ली से गृहमंत्री अमित शाह के इशारे पर खेला गया है। सब कुछ उनके यहां से ही तय हुआ। दो दिन पहले ही अजित पवार ने उनसे मुलाकात की और चालीस विधायकों की सूची दिखाई तो काम बन गया। अजित पवार पहले भी एक दिन के लिए उपमुख्यमंत्री बने थे लेकिन तब शरद पवार ने एक ही दिन में सरकार गिरा दी थी।