दिल्ली में आप और कांग्रेस ने आमने-सामने चुनाव लड़ा। दोनों दल एक-दूसरे पर हमलावर रहे। अब नतीजे बीजेपी के पक्ष में आए हैं। इस नतीजे के बाद इंडिया गठबंधन के सहयोगियों में बयानबाज़ी शुरू हो गयी है। बयानबाज़ी क्या शुरू हुई है, इसे कह सकते हैं कि वे एक दूसरे के ख़िलाफ़ तलवार की धार तेज़ कर रहे हैं। तो क्या अब इंडिया गठबंधन में रार छिड़ने वाली है? या फिर दिल्ली चुनाव उनको यह सबक देगा कि अलग-अलग लड़ने का अंजाम दिल्ली चुनाव जैसा होगा और बीजेपी बाजी मार जाएगी?