15 अगस्त 1947 यानी स्वतंत्रता दिवस! भारत के इतिहास का एक ख़ास दिन! लेकिन क्या ‘स्वतंत्रता’ केवल अंग्रेज़ों राज से मिली थी? नहीं, इस तारीख़ को उपनिवेशवाद के साथ-साथ ‘ग़ैर-बराबरी’ की ज़ंजीरों से भी मुक्ति मिली थी जो अंग्रेज़ों के समय और उनके आगमन पूर्व भारत की ख़ास पहचान थी। उपमहाद्वीप के पाँच हज़ार साल के इतिहास में पहली बार दलितों, आदिवासियों, कृषकों, श्रमिकों, शिल्पकारों, स्त्रियों समेत तमाम वंचित समूहों को वैधानिक रूप से ‘बराबर’ माना गया था। यानी ‘स्वतंत्रता-दिवस’ भारत की प्रथम ‘बहुजन क्रांति’ का दिन भी है।