हाथरस में मरने वाली निर्भया की फोरेंसिक जाँच रिपोर्ट को मीडिया से 'शेयर' करते हुए उत्तर प्रदेश के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) ने बीते गुरुवार को बड़े गर्व से कहा कि ‘मृत लड़की की योनि से शुक्राणु बरामद नहीं हुए हैं। इसका निहितार्थ है-
हाथरस: एडीजी प्रशांत कुमार अनपढ़ हैं, उन्हें नहीं मालूम गैंगरेप क्या होता है!
- विश्लेषण
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- 2 Oct, 2020

हाथरस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस दुष्कर्म क्यों नहीं मानती है? मृतका की फोरेंसिक जाँच रिपोर्ट दिखाते हुए यूपी के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) ने बड़े गर्व से कहा कि ‘मृत लड़की की योनि से शुक्राणु बरामद नहीं हुए हैं। क्या यूपी पुलिस को दुष्कर्म के बारे में भी जानकारी नहीं है? जानिए, क्या है सरकार की दिशा-निर्देश और देश में क्या हैं हालात....
- कि मृत्यु से पहले लड़की द्वारा लगाया गया बलत्कार का आरोप झूठा है।
- कि उसकी माँ और पिता की गाँव के 4 लड़कों पर अपनी बेटी के साथ किए गए यौन दुराचार की शिकायत ग़लत है।
- कि पूरे प्रदेश में जा रहे इस सन्देश का कोई सिर-पैर नहीं है।
- कि हाथरस में अमुक लड़की की यौन हत्या हुई है, सारे देश में किसी को यह सोचने का कोई अधिकार नहीं।
- कि आदित्यनाथ योगी के रामराज में हर दिन 11 महिलाओं के साथ यौन दुराचार होता है, इस तथ्य में कोई दम नहीं।
- कि यह एक अंधेरनगरी है, जिसका राजा चौपट है। जो राजा कहेगा, वही अंतिम सच माना जाएगा।