कहा जा रहा है कि ये लोकसभा चुनाव कांग्रेस के लिए करो या मरो जैसा है। बीते लोकसभा चुनावों के नतीजे इस धारणा को पुष्ट करते हैं। बावजूद इसके कि 2014 की 44 सीटों की तुलना में 2019 में कांग्रेस अपनी सीटों में मामूली बढ़ोतरी करते हुए 52 सांसदों को लोकसभा में भेजने में सफल हुई थी। दरअसल कांग्रेस की मुश्किल यह है कि वह अपने वोटों को दूसरे दलों की तुलना में सीटों में बदलने में सफल नही हो पा रही है। बेशक, पिछले कुछ चुनावों में उसके वोट प्रतिशत में कमी आई है। मगर दूसरे दलों की तुलना में उसके वोट आनुपातिक रूप से सीटों में नहीं बदलते।
कांग्रेस की सबसे बड़ी चुनौती- वोट के बावजूद क्यों नहीं जीत पा रही सीटें?
- विश्लेषण
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- 30 Mar, 2024

कांग्रेस बहुत ही विपरीत हालात से गुजर रही है। हालांकि गलतियां उसकी भी कम नहीं है। उसके सुविधाभोगी नेताओं का हाथ कांग्रेस को इन हालात में ले जाने में ज्यादा रहा है। कांग्रेस को आज जुझारू कार्यकर्ताओं और नेताओं की जरूरत है। अकेले राहुल गांधी के कंधों पर कांग्रेस संघर्ष की वैतरणी पार नहीं कर सकती। सुदीप ठाकुर का विश्लेषण पढ़िएः