तो बिहार में एक बार फिर नीतीश कुमार मुख्यमंत्री होंगे, भले इस बार उनकी सीटें बीजेपी के मुक़ाबले बहुत कम हैं। बीजेपी ने सारी अटकलों को ख़ारिज करते हुये कहा है कि चुनाव नीतीश की अगुवाई में लड़ा गया और वही मुख्यमंत्री होंगे। इस मौक़े पर अनायास ही दिल्ली के ख़ान मार्केट के एक बुक स्टोर पर शेल्फ में रखी किताब ‘सिंगल मैन’ की याद हो आती है।
हार कर जीतने वाले को नीतीश कुमार कहते हैं!
- विश्लेषण
- |
- |
- 11 Nov, 2020

नीतीश की याददाश्त में तब यह बात नहीं रही होगी कि 2010 में वह बीजेपी के साथ ही चुनाव लड़कर 200 से ज़्यादा सीटों के साथ मुख्यमंत्री बने थे और उससे पहले साल 2000 के वे सात दिन भी नीतीश को याद नहीं रहे जब बिना बहुमत के भी प्रधानमंत्री वाजपेयी ने उन्हें मुख्यमंत्री बनवा दिया था और फिर कुर्सी छोड़ने की मजबूरी के बाद केन्द्र में काबीना मंत्री बनाया।