अपनी पत्नी और आम आदमी पार्टी की एक कद्दावर नेता बन चुकी नेता सुनीता केजरीवाल को दरकिनार कर आतिशी मार्लेना का चुनाव करके पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं। अगर वे सुनीता केजरीवाल को चुनते तो उनके ऊपर भी लालू यादव की तरह, बिना अनुभव के सिर्फ परिवारवाद को बढ़ावा देने और पार्टी में लोकतंत्र खत्म कर देने जैसे आरोप लगाये जाते। सुनीता केजरीवाल ने पति और पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल के जेल के दिनों के मुश्किल राजनीतिक दौर में उनका और पार्टी का पूरा साथ समर्थन तो दिया, लेकिन आतिशी का चुनाव शुद्ध रूप से उनके प्रशासनिक अनुभव, साफ छवि, और सुधारवादी दृष्टिकोण के साथ साथ केजरीवाल के प्रति उनकी पूर्ण वफादारी के कारण सर्वाधिक उपयुक्त माना जा रहा है। हालांकि आतिशी के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी सत्ता का सुखदायी सिंहासन नहीं, बल्कि चुनौतियों और कांटों से भरा ताज मिला है।