अपनी पत्नी और आम आदमी पार्टी की एक कद्दावर नेता बन चुकी नेता सुनीता केजरीवाल को दरकिनार कर आतिशी मार्लेना का चुनाव करके पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं। अगर वे सुनीता केजरीवाल को चुनते तो उनके ऊपर भी लालू यादव की तरह, बिना अनुभव के सिर्फ परिवारवाद को बढ़ावा देने और पार्टी में लोकतंत्र खत्म कर देने जैसे आरोप लगाये जाते। सुनीता केजरीवाल ने पति और पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल के जेल के दिनों के मुश्किल राजनीतिक दौर में उनका और पार्टी का पूरा साथ समर्थन तो दिया, लेकिन आतिशी का चुनाव शुद्ध रूप से उनके प्रशासनिक अनुभव, साफ छवि, और सुधारवादी दृष्टिकोण के साथ साथ केजरीवाल के प्रति उनकी पूर्ण वफादारी के कारण सर्वाधिक उपयुक्त माना जा रहा है। हालांकि आतिशी के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी सत्ता का सुखदायी सिंहासन नहीं, बल्कि चुनौतियों और कांटों से भरा ताज मिला है।
आतिशी का चुनाव सुनीता से बेहतर, किंतु काँटों से भरा ताज
- विश्लेषण
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- 17 Sep, 2024

आम आदमी पार्टी ने नए मुख्यमंत्री के तौर पर दिल्ली की मंत्री आतिशी का नाम घोषित किया है। केजरीवाल के इस्तीफ़े के बाद आतिशी ने सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया। जानिए, इसके क्या हैं मायने।
बेहतर कैसे हैं आतिशी?
आम आदमी पार्टी (AAP) के अन्य कई वरिष्ठ नेता मुख्यमंत्री पद के लिए योग्य हो सकते थे, लेकिन उनके खिलाफ लगे विभिन्न आरोप और कुछ अन्य कारणों से शायद वे इस पद के लिए चयनित नहीं हुए।
1. उप मुख्यमंत्री तथा शिक्षा और वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया: पार्टी में दूसरे नंबर के बड़े नेता मनीष भी दिल्ली शराब नीति घोटाले में आरोपी हैं और गिरफ़्तार भी हो चुके हैं।
2. स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन: दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक की सफलता के लिए जाने जाने वाले जैन पर भी मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं और उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था।
3. परिवहन और पर्यावरण मंत्री गोपाल राय: गोपाल राय एक अनुभवी और प्रभावशाली नेता हैं, लेकिन जनाधार सीमित है और किसी बड़े प्रशासनिक सुधार या योजना में उतनी प्रमुख भूमिका नहीं रही है।
4. कैलाश गहलोत: गहलोत पर भी कुछ विवादास्पद जमीन सौदों से जुड़े आरोप हैं।
5. सुनीता केजरीवाल: अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल का भी नाम संभावित उम्मीदवारों में था, लेकिन उनका प्रशासनिक अनुभव सीमित है और राजनीति में उनकी कोई सीधी भूमिका नहीं रही है।
आतिशी की छवि साफ है, प्रशासनिक अनुभव मजबूत है और शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान प्रमाणित है। उनका चयन पार्टी को स्वच्छ और प्रगतिशील नेतृत्व देने के अवसर के साथ विपक्ष के आरोपों का भी माकूल जवाब है।