राजनीति में गुलजारी लाल नंदा होना मुहावरा यूं ही नहीं बना। वो दो बार भारत के कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने। यानी जब भी मुश्किल वक्त आया, उन्हें कार्यवाहक पीएम बना दिया गया। लेकिन गुलजारी नंदा के आदर्श, उनके विचार, उनका खुद का जीवन और उनकी जैसी साफ सुथरी राजनीति करने वाला नेता अब दुर्लभ है। उनके अंतिम दिन कैसे बीते, जानिए आज उनकी पुण्यतिथि पर लिखे गए इस श्रद्धांजलि लेख सेः