इस साल के नोबेल शांति पुरस्कार से हथियारबंद संघर्ष और लड़ाई के दौरान औरतों पर होने वाली यौन हिंसा की ओर सबका ध्यान गया है। इराक़ी युवती नादिया मुराद और कांगो के डॉक्टर डेनिस मकवेगे को इस पुरस्कार से नवाज़ा गया है। इन्हें सशस्त्र संघर्ष के दौरान यौन हिंसा की बात सबके सामने लाने के लिए यह पुरस्कार दिया गया है।
सेक्स स्लेव रही नादिया को नोबेल से यौन हिंसा पर बहस तेज़
- दुनिया
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- 8 Oct, 2018
उसके साथ कई बार रेप हुआ, उसे कई बार सेक्स स्लेव बना कर बाज़ार में बेचा गया। यौन हिंसा के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने वाली इस इराक़ी लड़की को मिला नोबेल शांति पुरस्कार।
