एक स्त्री के 'चयन का अधिकार' तभी तक बड़ाई के क़ाबिल है, जब तक वह किसी न किसी धर्म की रूढ़ियों के पैरों तले है और उसके पीछे समर्थन-अनुमोदन करती उन्मादी धार्मिकों की एक भीड़ खड़ी है। ऐसे में महिलाएँ कितनी आज़ाद हैं?
ज़ायरा के बॉलीवुड को छोड़ने को लेकर बहस छिड़ गई है। कुछ का कहना है कि यह कट्टरपंथियों के दबाव का नतीजा है जबकि कुछ का कहना है कि यह ज़ायरा का निजी फ़ैसला है