लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 जून को आए थे और भाजपा अपने दम पर सरकार बनाने की स्थिति में नहीं थी। देश में बहुत सारे लोगों को चुनाव आयोग के नतीजों में हेराफेरा साफ नजर आई, क्योंकि देश में हर राज्य में भाजपा विरोधी माहौल था। यह आरोप अब सच साबित होता दिख रहा है। केंद्रीय चुनाव आयोग की विश्वसनीयता तो खैर पहले से ही दांव पर लगी हुई थी लेकिन इस रिपोर्ट के आने के बाद आयोग की सत्यता और ईमानदारी का जनाजा निकल गया है। करीब 4.65 करोड़ वोटों की हेराफेरी ने इस देश की राजनीति को बदलने से रोक दिया।